नहीं होते ऐसे काम
सियाराम की कृपा से, मैं प्रसन्न हूँ आज
सुनी आपकी कुशलता, है मुझको ये नाज़
है मुझको ये नाज़ , आगे भी कुशल रहोगे
लिखकर चिट्ठी आप, आगे का हाल कहोगे
पत्रोत्तर में पढा ये , चल रहा आपका काम
लेखन के इस कार्य को, सफल करें सियाराम
काम आपका चल रहा, आप वहाँ हैं व्यस्त
शरद ऋतू के असर से ,हूँ जुखाम से ग्रस्त
हूँ जुखाम से ग्रस्त, सिर चकराता रहता
आप यदि होते यहाँ, कुछ मीठी बातें करता
ये सब बातें सोचता, पर तुम्हें कहाँ आराम
किसलय जी कहते यही,नहीं होते ऐसे काम
- विजय तिवारी " किसलय "
13 टिप्पणियां:
AAJ TO LAGATAAR WAH
badhai achchi rachana . jay shri Ram
mahendra bhaai
aapki aatmeeyta aur meri rachnaon ko padhne ke liye aabhaar
aapka
vijay
गिरीश भैया
आप सदैव मेरी रचनायें पढ़ते हैं
और उन पर विचार लिख भेजते हैं.
आपकी सक्रियता के लिये बधाई.
आपका
विजय
DR.VIJAY JI
AAP ACHCHHE KAVI HAIN
GIRISH BHAI NE BATAYA
MERE LIE UNANE EK BLOG TAYAAR KIYAA
HAI
ZAROOR DEKHIE JI
वाह किसलय जी आपने, कुन्डली मारी खूब.
बात बात में लूट ली, वाह-वाही भी खूब.
वाह-वाही भी खूब, कई पाठ्क भी पाये.
हो सकता है कुछ मित्रों के फ़ोन भी आये.
कह साधक कविराय, मगर ना मिला विषय जी.
कुण्डली मारी खूब, आपने वाह किसलय जी.
आदरणीय, वाकई उन दो कुंडलियों का विषय कुछ नहीं है, लेकिन आप एक बार पुनः पढेंगें (पत्रोत्तर में पढा ये , चल रहा आपका काम) तो स्पष्ट हो जाएगा कि ये कुंडली के प्रारूप में मित्र के पात्र का उत्तर मात है. , फ़िर भी मैं आपकी बात से सहमत हूँ.
वैसे मेरा ब्लॉग पढ़ कर आपकी शेष आशंकाएँ दूर हो जायेंगी
साधक जी आप का आभार .
आदरणीय,
माधव सिंह जी
नमस्कार
आपने मेरी प्रसंशा जरूर कि है,
लेकिन मैं उसके काबिल नहीं हूँ ,
बस लिख लेट हूँ, यही मेरी सफलता है
..
आपका ब्लॉग जरूर पढूंगा
- विजय
bahut bahut achi chitti likhi hai
badhai
नीरा जी
अभिवंदन
आपने मेरी कुण्डलियाँ पढ़ी ,अच्छी लगी,
आभार
-विजय
मित्र से वार्तालाप का माध्यम कुण्डली भी हो सकती है, आपने सिद्ध किया. अच्छा लगा पढ़कर.
आदरणीय समीर जी
अभिवंदन
मित्र से वार्तालाप का माध्यम कुण्डली भी हो सकती है, आपने सिद्ध किया.
आपकी उक्त टिप्पणी के सम्बन्ध में तो मैं यह भी कह सकता हूँ कि
भावनात्मक संदेश प्रेषण के लिए पद्य एक सशक्त माध्यम सदैव से रहा है.
आपने मेरी कुंडलियों को पढ़कर मुझे भी सुखानुभूति कराई है
- विजय
kislay ji, kundaliya bahut achchhi hain
-ravindra awasthi
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