मंगलवार, 6 जनवरी 2009

दोहा श्रृंखला [दोहा क्र १८]

भूख,प्यास, दुख, बेबसी, मजबूरी का साथ।
कर्महीन इंसान के, लिख जायेगा माथ॥
- विजय

4 टिप्‍पणियां:

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

vijay ji
doha bada joradar hai . kam shabdo me umda baat . abhaar.

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

आपका बहुत बहुत आभार
ऐसा ही स्नेह बनाए रखें
आपका
- विजय

नीरा ने कहा…

wakai aap ne zabardast doha likha hai

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

धन्यवाद नीरा जी
आप मेरे ब्लाग पर आईं और अपनी प्रतिक्रिया दी
- विजय