HINDI SAHITYA SANGAM JABALPUR, MP, INDIA
"कभी ये अपने देश की धरती,हरी-भरी इठलाती थी।नदी-किनारे, पर्वत-घाटी, पवन सुगंध बहाती थी।"सुंदर
नमस्कार अच्छा लगा , आप मेरे करीब हैं.जबलपुर में रास्ट्रीय नाट्यसमारोह चल रहा है, इस लिए कुछ व्यस्त हूँ.आगे आपसे विस्तृत चर्चा करूंगा पुनः धन्यवादआपका विजय
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2 टिप्पणियां:
"कभी ये अपने देश की धरती,
हरी-भरी इठलाती थी।
नदी-किनारे, पर्वत-घाटी, पवन सुगंध
बहाती थी।"
सुंदर
नमस्कार
अच्छा लगा , आप मेरे करीब हैं.
जबलपुर में रास्ट्रीय नाट्य
समारोह चल रहा है, इस लिए कुछ व्यस्त हूँ.
आगे आपसे विस्तृत चर्चा करूंगा
पुनः धन्यवाद
आपका
विजय
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