मंगलवार, 31 अगस्त 2010

दोहा श्रृंखला (दोहा क्रमांक-९०)

स्वजनों से मुख मोड़ जो,
करते सुख का भोग.
जीवन में क्या चैन से,
रह पाते वे लोग ??
---oxo---
- विजय तिवारी " किसलय "

10 टिप्‍पणियां:

kshama ने कहा…

Bahut badee baat kah dee hai....shayad aise log nirlajj aur swarthi ban jate hain,jinhen vivek satata nahi..

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत सही!

निर्मला कपिला ने कहा…

सुन्दर सटीक। बधाई।

समयचक्र ने कहा…

उत्तर नहीं..... बहुत ही सटीक दोहा... विजय जी

रचना दीक्षित ने कहा…

सच ही कहा है आपने

Urmi ने कहा…

आपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !
बहुत बढ़िया ! उम्दा प्रस्तुती!

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

बहुत सुन्दर दोहा....बधाई.
________________________
'पाखी की दुनिया' में आज आज माख्नन चोर श्री कृष्ण आयेंगें...

Akanksha Yadav ने कहा…

सुन्दर और सार्थक दोहा..बधाई.
श्री कृष्ण-जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें.

समयचक्र ने कहा…

जन्माष्टमी पर्व के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और ढेरों शुभकामनाये...

रंजू भाटिया ने कहा…

bahut bahut sahi ..par aaj kal ki duniya to aesi hi hai ...bahut pasand aaya yah