मंगलवार, 13 जुलाई 2010

दोहा श्रृंखला (दोहा क्रमांक - ८६)

वर्षा जल से भरें जब
मैदानी भू-भाग .
हरियाली से लदें  तब
वन, तरुवीथी, बाग़ ..










- विजय तिवारी "किसलय"

5 टिप्‍पणियां:

kshama ने कहा…

Warsha se nav srujan shuru ho jata hai...bada manoram warnan kiya hai aapne iska!

Udan Tashtari ने कहा…

बढ़िया दोहा!

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

बढिया है, ये सावनी दोहा. लेकिन हमारे यहां तो सूखा पड़ा है सब :(

समयचक्र ने कहा…

बहुत बढ़िया दोहा...

shikha varshney ने कहा…

उत्तम दोहा..