रविवार, 16 मई 2010

संस्कारधानी जबलपुर में संपन्न दो दिवसीय ऐतिहासिक कवि दरबार - भाग - दो

      आंचलिक साहित्यकार परिषद् की अगुआई एवं गुंजन कला सदन तथा सकल जैन समाज महिला परिषद् के सहयोग से संस्कारधानी जबलपुर में दो दिवसीय ऐतिहासिक कवि दरबार विगत २५ एवं २६ अप्रेल  २०१० को संपन्न हुआ.  प्रथम दिवस की रिपोर्ट आप हिंदी साहित्य संगम ब्लॉग की पूर्वप्रविष्ठि  में पढ़/देख चुके हैं.  
   ( डॉ. विजय तिवारी "किसलय" दिवंगत शैल चतुर्वेदी की भूमिका में " चल गई " कविता को प्रस्तुत करते हुए)
(चित्र-  साभार नई  दुनिया जबलपुर से )
द्वितीय दिवस का कवि दरबार डॉ. राम शंकर मिश्र एवं श्रीमती मनोरमा तिवारी द्वारा दीप-प्रज्ज्वलन के साथ आरम्भ हुआ.  वरिष्ठ कवि श्री राजेन्द्र जैन "रतन"  ने जबलपुर में इन दिनों सत्य, धर्म और राष्ट्र चेतना को जागृत कर रहे  क्रांतिकारी राष्ट्रसंत मुनिश्री तरुण सागर की वंदना से परिवेश को पावनता प्रदान की.  इस अद्भुत कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रसंशा  करते  हुए पूर्व सांसद  श्री रामेश्वर नीखरा  ने कहा कि- मैंने अपने जीवन में ऐसा कार्यक्रम  न कभी  देखा और  न ही कभी सुना.  महाकवि कालिदास की अध्यक्षीय भूमिका में श्री भजन लाल महोबिया  अब तक के  दिवंगत स्थानीय, प्रांतीय, राष्ट्रीय एवं विश्वस्तरीय दो दर्जन से भी अधिक कवियों की भूमिका / वेश-भूषा में वर्तमान के लब्ध-प्रतिष्ठित कवियों के साथ मंच पर शोभायमान थे. स्वर्गलोक से  काल्पनिक-पधारे  कवियों के कविदरबार का संचालन  आंचलिक साहित्यकार परिषद के महामंत्री  प्रो. राजेन्द्र तिवारी "ऋषि" ने  देवदूत  की भूमिका   का बखूबी निर्वहन किया.  मंचासीन  सभी कवियों ने अपने स्वर में मूलकवियों की रचनाओं को उनके ही  स्वर, लय और तान में प्रस्तुत कर ४ घंटे तक समां बाँधे रखा. एक ओर जहाँ संस्कारधानी के दिवंगत ख्यातिलब्ध कवियों को स्थानीय जबलपुर के  कवियों ने जिया, वहीं दूसरी ओर भारत के विख्यात कवियों की भूमिका में भी जबलपुर के वर्तमान कवि नजर आये. नीर भरी दुःख की बदरी /   जो देता  है- मौला देता है / मुझे तोड़ लेना वनमाली / मुट्ठी भर दाने को - भूख मिटाने को / वैसे तो एक शरीफ इंसान हूँ / जो सजग होकर प्रगति के गीत गाते हैं जैसी रचनाओं ने श्रोताओं को मन्त्र-मुग्ध किया. दो दिवसीय कवि दरबार में गुंजन कला सदन के श्री ओंकार श्रीवास्तव,  डॉ. आनंद तिवारी, जय प्रकाश माहेश्वरी, अनुभूति बादशा, रमाकांत गौतम, आंचलिक साहित्यकार परिषद से प्रो. राजेन्द्र तिवारी "ऋषि", प्रो. जवाहर लाल चौरसिया "तरुण", वरिष्ठ चित्रकार श्री कामता सागर,  डॉ. विजय तिवारी " किसलय ", मणि मुकुल आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

श्री अंशलाल पंद्रे
सहायक परिवहन  अधिकारी
जबलपुर,
दिवंगत कवि श्री झलकन लाल वर्मा  छैल
की भूमिका में उनकी रचना सुनने हेतु 
क्लिक करें .

दो दिवसीय कवि दरबार में  दूसरे  दिन के 
 दिवंगत कवियों एवं उनके वर्तमान अनुकर्ताओं की सूची.

१ भजन  लाल  महोबिया  ----------   महाकवि बाल्मीकि
२ डॉ आशुतोष श्रीवास्तव-  पन्ना लाल श्रीवास्तव नूर
३ डॉ राज् कुमार सुमित्र -----  पं भवानी प्रसाद मिश्र
४ प्रो. राज् बहादुर सिंह -----  शिव मंगल सिंह सुमन
५ मदन तिवारी ----------------- भवानी प्रसाद तिवारी
६ श्रीमती वीणा तिवारी ------  महादेवी  वर्मा
७ डॉ. हरि शंकर  दुबे ----- द्वारिका प्रसाद मिश्र
८ डॉ. विजय तिवारी "किसलय" -- शैल चतुर्वेदी
९ मणि मुकुल ------------------- काका हाथरसी  
१० अंश लाल पंद्रे ----- झलकन  लाल वर्मा छैल
११ शिव नारायण पाठक ---- रघवीर श्रीवास्तव
१२ संध्या जैन श्रुति --- सुभद्रा कुमारी चौहान
१३ मनोहर चौबे आकाश - रामकृष्ण श्रीवास्तव
१४ आनंद कृष्ण ---------- धूमिल
१६ सोहन परौहा -------- इंद्र बहादुर खरे
१७ प्रतुल श्रीवास्तव ----- माखन लाल चतुर्वेदी
१८ पुरषोत्तम जाली --- गोपाल प्रसाद व्यास
१९ शेषमणि पाण्डेय -------- श्रीबाल पाण्डेय
२० श्रीमती अर्चना मलैया --- सुन्दर देवी
२१ राजेश पाठक प्रवीण -- पं रामेश्वर प्रसाद गुरु
२२ अभय तिवारी ------- गोविन्द प्रसाद तिवारी
२३ सुरेश मिश्रा विचित्र -- रामेश्वर शुक्ल अंचल
२४ इंद्र बहादुर श्रीवास्तव - अकबर इलाहाबादी
२५ जे पी त्रिपाठी -------- नर्मदा प्रसाद खरे
२६ डॉ आदर्श शर्मा - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
---०००---
प्रस्तुति :-  









डॉ. विजय तिवारी " किसलय "

9 टिप्‍पणियां:

समयचक्र ने कहा…

बहुत सुन्दर जानकारी दी है भव्य प्रोग्राम रहा है ...आभार

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

कवि नामावली के नामो और फोटो की भंगिमाओं से पता चल रहा है कि कितना अच्‍छा कार्यक्रम रहा होगा।

Udan Tashtari ने कहा…

आनन्द आ गया रिपोर्ट का यह भाग पढ़ कर भी, बहुत आभार जानकारी के लिए.

Udan Tashtari ने कहा…

रचना सुनने के लिए लिंक नहीं है.

shikha varshney ने कहा…

सुन्दर कार्यक्रम रहा..बहुत बढ़िया रिपोर्ट है.

vandana gupta ने कहा…

वाह वाह्……बहुत ही बढिया कार्यक्रम रहा………………देखकर और सुनकर आनन्द आ गया………………कभी पहले टी वी पर ऐसे कवि सम्मेलन सुना और देखा करते थे।

अंजना ने कहा…

बढिया कार्यक्रम और बढिया प्रस्तुति.....

ज्योत्स्ना पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर रिपोर्ट, कार्यक्रम भी अवश्य शानदार रहा होगा.......

Gautam RK ने कहा…

Badhiya Aayojan tha Sir, Is Dauran Main bhi kuchh der ke lie yahan pahuncha tha... Us Waqt Dr. Shrivastava, Pannalal 'Noor' Ji ki bhoomika me Kavita kah rahe the... Bahut Anand Aya tha...



Ramkrishna Gautam