रविवार, 2 नवंबर 2008

क्रांति

देखकर
नवल क्रांति
मुझे आभास हुआ
ये आगे चल कर
स्वर्णिम युग लायेगी
शत्रुओं से निपटकर
देश को
मजबूत बनाएगी

- विजय तिवारी ' किसलय '

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