पूजा का ढोंग
दीपक की नन्ही सी किरण भी,
-------- अन्धकार हर लेती है ।
पावनता भी मैले मन को,
------- निज समान कर देती है ॥
वह पूजा का ढोंग है जिसमें ,
------- स्वार्थ भावना आ जाए ।
लीन न हों उस भाव में जिसका ,
------- अंत निकट ही दिखलाये ॥
- विजय तिवारी " किसलय "
दीपक की नन्ही सी किरण भी,
-------- अन्धकार हर लेती है ।
पावनता भी मैले मन को,
------- निज समान कर देती है ॥
वह पूजा का ढोंग है जिसमें ,
------- स्वार्थ भावना आ जाए ।
लीन न हों उस भाव में जिसका ,
------- अंत निकट ही दिखलाये ॥
- विजय तिवारी " किसलय "
1 टिप्पणी:
sachai hai
DIPAWALI KEE BADHAIYAAN
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