सोमवार, 27 अक्टूबर 2008

दीवाली




सूरज की

सुर्ख किरण

अंधकार

मिटाने वाली

तू क्या चमके

जैसे चमके

भारत भूमि की

दीवाली


- विजय तिवारी "किसलय"

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