HINDI SAHITYA SANGAM JABALPUR, MP, INDIA
दिखाई
दे जाती है
अपने ही घर के
झरोखे से
छत की मुंडेर
सब्जी बाज़ार
किसी दूकान
गली पनघट
किसी मोड़ पर
या फ़िर
किसी बाग़ में
सुमन जैसी
अल्हड़पन की
दहलीज़ को
पार करती
खुशियों भरी
जिंदगी
- डॉ विजय तिवारी "किसलय "
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