श्रीमती मनोरमा तिवारी जबलपुर की वरिष्ठ कवयित्री हैं. आपने अपना सम्पूर्ण जीवन अध्यापन एवं साहित्य सृजन को समर्पित किया है. सेवानिवृत्ति के पश्चात भी आप साहित्यिक एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़कर स्वयं को धन्य मानती हैं. आपकी लेखनी में काव्य में प्रांजलता का समावेश स्पष्ट देखा जा सकता है. आपकी रचनाओं में विविधता के साथ साथ सारगर्भिता भी दिखाई देती है.
आज हम उनसे उनकी कविता "रानी बिटिया" सुनते हैं. बेटी बचाओ अभियान पर केन्द्रित इस रचना को सुनाने और देखने के लिए निम्न वीडियो को क्लिक करें:-
प्रस्तुति:-
- विजय तिवारी "किसलय"
1 टिप्पणी:
kavita sunte,sunte aankhen nam ho aayeen!
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