सोमवार, 31 अक्टूबर 2011

सीनियर आर्टिस्ट श्री सुरेन्द्र राजन के जबलपुर प्रवास पर उनसे भेंट वार्ता.

                               श्री सुरेन्द्र राजन आज फ़िल्मी दुनिया के लिए अन्जाना नाम नहीं है. आज भले ही वे फ़िल्मी सफ़र पर निकल पड़े हों लेकिन सबसे पहले वे अपने आप को एक सच्चा कलाकार मानते हैं, प्रारम्भ में आपकी रुचि पेंटिंग्स एवं फोटोग्राफी में रही.  उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिले पुरस्कार एवं सम्मान उनकी कला के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं अनेक फिल्मों, टी वी फिल्मों, डाक्यूमेंटरी फिल्मों में विगत १५-२० वर्षों से लगातार आपने अपनी विशिष्ट भूमिकाओं से दर्शकों को प्रभावित किया है. गांधीजी की ही चार भूमिकाएँ निभा चुके श्री राजन मर्डर-टू, माई फ्रेंड पिंटो, एक्लिप्स ऑफ़ तरंगा, फस गए रे ओबामा, फ्रुट एंड नट, ई एम आई : लिया है तो चुकाना पड़ेगा, फिर कभी, खोया खोया चाँद , धमाल, द लास्ट डे ऑफ़ राज, द केबिन मेन, पहेली, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, मुन्ना भाई एम बी बी एस , लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह, वीर सावरकर, तक्षक, इलेक्ट्रिक मून आदि फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं. साठोत्तरी होने के बावजूद, लाठी हाथ में रखने के बावजूद उनका दिल जवान है, आवाज में रौब है और आगे बहुत कुछ करने का जज्बा है. 
(श्री सुरेश श्रीवास्तव, श्री सुरेन्द्र राजन एवं विजय तिवारी 'किसलय')

                                 अपनी व्यस्तता के चलते आज जब वे जबलपुर पधारे तो उनके चेहरे पर तनिक भी थकान नजर नहीं आ रही थी. रानी दुर्गावती संग्राहालय की कला वीथिका में आभा भारती के छाया चित्रों की प्रदर्शनी में सिरकत करने आये श्री एस. राजन सभी से बड़ी सहजता से मिल रहे थे. सेलिब्रिटी होते हुए भी उन्होंने स्वयं को सहजता से दूर नहीं रखा. शायद यही एक महान कलाकार की विशेषता है. वार्ता के दौरान आज उन्होंने बताया कि मैं जल्दी ही कुछ दिनों के लिए जबलपुर  आने वाला हूँ इससे पता चलता है कि उनके मन में जबलपुर और जबलपुर के मित्रों के प्रति कितना लगाव है. जब उनसे पूछा कि आप आप जबलपुर में क्या करना चाहते हैं तो उन्होंने बड़े सहज भाव से कहा कि मैं सबके बीच बैठ कर सबके विचार जानना चाहता हूँ. अपने विचार व्यक्त करना चाहता हूँ. हम जीवन के अनुभवों को परस्पर बाँटना चाहते हैं. एक दूसरे की बातों से कुछ लेना-देना भी चाहते हैं. इस अवसर पर उनके मित्र वरिष्ठ आर्टिस्ट श्री सुरेश श्रीवास्तव, प्रोफ़ेसर ज्ञानरंजन, बसंत सोनी, कामता सागर, विनय अम्बर, मुकुल यादव, बसंत मिश्र, डॉ. अजय गुप्ता, शक्ति प्रजापति,  सिद्धार्थ खरे, राजेंद्र दानी, मनोहर बिल्लोरे,  पंकज स्वामी आदि उपस्थित रहे.



                         आईये, इस अवसर पर मेरे द्वारा रिकार्ड की गयी श्री सुरेन्द्र राजन की भेंट वार्ता आपको दिखलाते हैं. भेंट वार्ता में शामिल हैं श्री सुरेश श्रीवास्तव, श्री कामता सागर, अजय गुप्ता के साथ मैं.... और सीधे प्रश्न कर्ता हैं हमारे शक्ति प्रजापति:-

प्रस्तुति:-

-विजय तिवारी 'किसलय'






4 टिप्‍पणियां:

Sunil Kumar ने कहा…

ऐसी हस्तियों से परिचय कराने के लिए आभार

vandana gupta ने कहा…

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति आज के तेताला का आकर्षण बनी है
तेताला पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से
अवगत कराइयेगा ।

http://tetalaa.blogspot.com/

kshama ने कहा…

Bahut badhiya parichay karwaya aapne!

dr anamika tiwari ने कहा…

एक अच्छी प्रस्तुति है.
-डॉ.अनामिका तिवारी