आज दिनांक ७ नवम्बर २०१० को जब ओबामा दम्पति मुंबई के नेम हाई स्कूल मुम्बई में बच्चों के संग दीपावली मनाने पहुँचे तो ऐसा लगा जैसे वे किसी अपने पारिवारिक कार्यक्रम उन्होंने छात्रों की दो नृत्य प्रस्तुतियाँ देखीं. नृत्य के बीच बीच में दोनों तालियों से ताल मिलाते नज़र आये और प्रसन्न मुद्रा में भी दिखाई दिए. मिशेल के चेहरे पर प्रशासन का अहम दूर-दूर तक नज़र नहीं आया.
ओबामा दम्पति नृत्य करते हुए (याहू से साभार) |
नृत्यगान का आनंद ले रहीं मिशेल एक समय स्वयं बच्चों के बीच लय, तान और भारतीय नृत्यमुद्राओं के साथ नृत्य करने लगीं, तब ऐसा लगा कि वे इसी संस्कृति का एक हिस्सा हैं. बच्चों के बीच ममतामयी माँ के अनुरूप उनका व्यवहार और घुलने-मिलने का अंदाज़ उनके आदर्श व्यक्तित्व को परिलक्षित कर रहा था. मैं राजनीति एवं वैश्विक दृष्टिकोण से हट कर कहना चाहता हूँ कि ऐसी मातृशक्ति और ममता पर मानव जाति को गर्व होना चाहिये. मिशेल ओबामा से हमारी अपेक्षा है कि वे सदैव "वसुधैव कुटुम्बकं" की भावना से विश्व को आदर्श दिशा में प्रेरित करने के मानवीय दायित्वों का इसी तरह निर्वहन करती रहेंगी.
प्रस्तुति:
- विजय तिवारी " किसलय "
7 टिप्पणियां:
ओबामा दम्पत्ति मिलनसार तो दिखाई देते हैं. प्रसन्न मुद्रा में मुलाकात भी करते हैं, बुश की तरह हर वक्त राष्ट्राध्यक्ष का मुखौटा नहीं लगाये रहते. बाकी तो राम ही जाने.
बाकी तो राम ही जाने.
ओबामा दम्पति का आचार व्यवहार अच्छा लगा !
बड़ों का यही तो बड़प्पन होता है ....
जब ये खबर सुनी तो आश्चर्य हुआ था ....
कितनी सरल,सहज हैं मिशेल ओबामा..
निश्चित रूप से हमें इनसे सीख लेनी चाहिए .....
आज शायद फेस बुक पे आप ही थे ....?
तब कन्फर्म नहीं थी ...इसलिए जवाब नहीं दिया .....!!
आपका कार्य प्रभावशाली है ! शुभकामनायें !
देखने में तो बहुत सहज प्रतीत होता है ... बाकी तो भगवान् ही जानता है ...
आप मेरे ब्लॉग पर पधारे ... उसके लिए धन्यवाद ...
Bhai ji ,
Bada hi kamaal ki post lagi.Dil se badhai!!!
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