त्रिगुण ज्ञान-धन-शक्ति के,
नवदुर्गायी त्रिखंड।
"पूजा" जीवन-समर में,
देती विजय प्रचंड॥
नवदुर्गायी त्रिखंड।
"पूजा" जीवन-समर में,
देती विजय प्रचंड॥
जगत-जननी माँ दुर्गा की पूजा उपासना के लिए नव रात्रि से अच्छा शुभ मुहूर्त अन्य कोई नहीं होता। नौ रात्रियों की प्रथम तीन रात्रियों में माँ की आराधना से भक्तों में ज्ञानवृद्धि एवं अज्ञानता का नाश होता है। अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए ये दिन विशेष फलदायी होते हैं। चतुर्थी, पंचमी एवं षष्ठी में किया गया पूजन-अर्चन भक्तजनों की आर्थिक परेशानियों का शमन करके सम्पन्नता लाता है। तत्पश्चात सप्तमी, अष्टमी एवं नवमी की साधना-भक्ति शक्तिदायिनी मानी गयी है। इसके अतिरिक्त माँ शक्ति-सामर्थ्य तथा विजय भाव को भी प्रखर बनाती है। यश-कीर्ति फैलाते हुये मृत्युलोक से मुक्ति दिलाती है।
तात्पर्य यह कि जीवन संग्राम में विजय के लिए आवश्यक तीन गुण 'ज्ञान, धन और शक्ति ' नवरात्रि के त्रिखंडों में की गई साधना-आराधना से निःसंदेह प्राप्त होते हैं।
8 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर जानकारी प्रदान की……………आभार्।
बहुत प्रभावी दोहा.
Bahut khoob! Bhaktee kee vilakshan shaktee samajh me aa rahee hai!
gud one!
जीवन संग्राम में विजय के लिए आवश्यक तीन गुण 'ज्ञान, धन और शक्ति ' नवरात्रि के त्रिखंडों में की गई साधना-आराधना से निःसंदेह प्राप्त होते हैं।
बहुत उत्तम जानकारी .
ग्राम चौपाल में पधारने के लिए आभार .
Sundar gayanvardhak jaankaari ke liye aabhar..
जीवन संग्राम में विजय के लिए आवश्यक तीन गुण 'ज्ञान, धन और शक्ति ' नवरात्रि के त्रिखंडों में की गई साधना-आराधना से निःसंदेह प्राप्त होते हैं...
बहुत सुन्दर सारगर्वित जानकारी दी है .... आभार
ज्ञानवर्धक.
> विवेचना
एक टिप्पणी भेजें