शुक्रवार, 15 अक्तूबर 2010

प्रकृति के साथ जुड़कर ईश्वर को खोजने की कोशिश- बसंत सोनी, जैविक-कला-चित्रकार.

रानी दुर्गावती संग्रहालय की कला दीर्घा में दिनांक १४ अक्टूबर १० को तीन दिवसीय जैविक-कला की अद्भुत चित्रकला प्रदर्शनी का विधिवत उदघाटन प्रसिद्द चित्रकार श्री अमृत वेगड़ ने श्री ज्ञान रंजन जी एवं श्री कामता सागर जी के साथ किया. "पहल" के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध जैविक-कला-चित्रकार श्री बसंत सोनी के ३२ से अधिक कोलाज दिनांक १४ अक्टूबर १० से १६ अक्टूबर १० तक प्रदर्शन हेतु लगाए गए हैं. इसके पूर्व अहमदाबाद की कंटेमपरेरी आर्ट गैलरी में सप्ताह भर की एकल प्रदर्शनी में श्री सोनी अपनी कला से लोगों को आश्चर्यचकित कर चुके हैं। इन्हें कला एवं संगीत का वातावरण बचपन से ही प्राप्त हुआ है. आपने बचपन में अपने पिता श्री सुन्दर लाल सोनी एवं बाद में श्री कामता सागर जी से कला की बारीकियों को सीखा. वरिष्ठ कलाकारों की सीख एवं निजी कल्पनाओं की सार्थकता धीरे धीरे आज हम सभी देख पा रहे हैं.
प्रदर्शनी के उदघाटन अवसर पर अपने उद्बोधन में उन्होंने बताया कि मैंने प्रकृति के साथ जुड़कर ईश्वर को खोजने की कोशिश की है. ईश्वर ऐसी ही कलाकृतियों और ऐसे ही कोलाज में पाया जाता है. जैविक-कला के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि इन कलाकृतियों के सृजन में काफी समय लगता है. वनस्पति जगत में पाए जाने वाले फूल, पत्ते, छिलके, पेड़ों की छाल आदि का उपयोग अलग-अलग रंगों की सतह (लेयर) के रूप में किया जाता है. पहले इन्हें गर्म पानी में डाल कर उबाला जाता है और सुखाने की प्रक्रिया के बीच इन्हें कोलाज पर रूप देने हेतु सीधा किया जाता है. इन विभिन्न रंगों वाली पत्तियों एवं फूलों आदि में कई छायाकृति, मिश्रित रंग अथवा आकृतियाँ भी अप्रतिम रूप से उभर का सामने आती हैं, मैं इन्हीं छिपी हुई चीजों को उभारता हूँ।





अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री वेगड़ जी ने बसंत सोनी को अनूठी प्रतिभा बताते हुए उनकी कला की भूरी-भूरी प्रशंसा की. इसके पूर्व "पहल" के श्री राजेंद्र चन्द्रकान्त राय ने संचालन के दौरान संस्था 'पहल', श्री बसंत सोनी और उनकी जैविक कला प्रकाश डाला. चित्रकार श्री सुरेश राव ने बसंत सोनी तथा उनके कृतित्व पर भाव-भीनी अभिव्यक्ति दी. उदघाटन समारोह में श्री रामशंकर मिश्र, डॉ. मलय, श्री गर्जन सिंह बरकडे, राजेंद्र दानी, रमेश सैनी, पंकज स्वामी, मनोहर बिल्लोरे, अरुण यादव, विनय अम्बर, सुन्दर लाल पाटकर, डॉ.अनुपम सिन्हा,शरद उपाध्याय,अरविन्द यादव आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही

श्री बसंत सोनी की कुछ जैविक-कला-कृतियाँ

पाठकों के दर्शनार्थ प्रस्तुत हैं :-







प्रस्तुति:
-विजय तिवारी " किसलय "

11 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत अच्छा लगा बसंत सोनी जी परिचय पाकर एवं उनकी कलाकृतियाँ देखकर.

Basant Soni ने कहा…

Shri Vijay Tiwari"Kislay"
Extremely happy to know the salient activities being circulated through ur blog.
i read the complete matter not only entered for Organic Art but the entire misc.activities through ur Blog-"HINDI Sahitya Sangam " Exquisite effort being made by u in the field of 'Literature & art'
My Hearty congratulation for these endeavor
i shall be in touch with u so to get more transaction of views..
My best compliments...Basant soni

समयचक्र ने कहा…

सोनी का परिचय जानकर अच्छा लगा.. आयोजन के तारतम्य में बहुत बढ़िया प्रस्तुति...आभार

Prem Farukhabadi ने कहा…

श्री सोनी जी की जैविक कलाकृतियाँ सचमुच सराहनीय हैं। उनकी कलाकृतियों में उनके व्यक्तित्व की झलक देखने को मिलती है। भाई जी, आपने भी अपने ब्लॉग पर इनकी कलाकृतियों को लगाकर एक प्रशंसनीय कार्य किया हैं। आपका साहित्य प्रेम आपके ब्लॉग पर देखने को मिलता है।
श्री सोनी जी को दिल से बधाई!! और आप को भी।

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

विजयादशमी की अनन्त शुभकामनाएं.

"Nira" ने कहा…

Basant Soni ji ke bare mein jaan kar acha laga
vijay ji shukriya bahut acha lekh likha hai

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

Bahut khubsurat chitr..aabhar..

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

वाह बसंत सोनी जी के चित्र देख कर तो हम मुग्ध हो गए।
इनसे मिलाने के लिए आपका आभार।
शुभकामनाएं

Basant Soni ने कहा…

Dear Vijay Kislaya
i feel great pleasure to join ur Blog
'Hindi Shahitya Sangam Jabalpur'
This way i will be connecting myself not only literature & latest updates but with all members to learn & get acquainted many aspects.
My best wishes for all endeavors...!!

Basant Soni ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Basant Soni ने कहा…

To
Shri Udan Tashtari,Mahendra Mishra,Ashok Bajaj
Prem Farrukhabadi,Vandana...,Nira..,Dr Bhawana,
Lalit Sharma ....
Glad to read comments on Organic-Collages ..my recent exhibition & thanks to every one for encouragements on this new concept of Art made from Only nature without use of any colors and artificial materials.
Wish to keep in touch ...!!