१२ फरवरी २०१० को शिवरात्रि पर्व पर मानव मंदिर परिसर, बंधा, शहपुरा रोड, जबलपुर (भारत) में संगमरमरी पंचमुखी गणेश प्रतिमा की वैदिक रीति से प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई.

जबलपुर से पश्चिम में करीब २१ किलोमीटर दूर राष्ट्रीय मार्ग-12 पर शहपुरा-भिटोनी के पहले हीरापुर बँधा में पुण्य सलिला नर्मदा के किनारे धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं मानव सेवा से जुड़ा एक विशाल स्थल "श्रीराजराजेश्वर रिद्धि सिद्धि सिद्ध पीठ" विकसित किया जा रहा है जो "कल्चुरी तीर्थ" को मूर्तरूप प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा. हीरापुर बँधा के निकट नर्मदा नदी के किनारे विकसित किए जा रहे इस बहुआयामी स्थल पर वर्तमान में दुष्प्रभावहीन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में प्रयास जारी हैं. यहाँ निःशुक्ल/न्यूनतम शुल्क में वे सारी सुविधाएँ उपलब्ध हो सकेंगी जो एक आम इंसान के लिए आज की महँगाई के चलते संभव नहीं है । यहीं पर वृद्ध और असहाय जनों के लिए सेवा केंद्र भी बनाने की योजना है जिससे यथार्थ में मानव मंदिर का सपना पूरा हो सकेगा । लौह धातु के ग्रह कोप नाशक शनि देव, वंश वृद्धि, संतानोत्पत्ति एवं सुख- शांति की कामना पूर्ण करने वाले गोस्थापित दुर्लभ शिव लिंग एवं इसी मंडप में वांछित फल दायी प्राचीन सिद्धेश्वर के भी दर्शन सुलभ हैं । यहाँ पर किए जा रहे वृक्षारोपण से पर्यावरण संतुलन एवं औषधि उपलब्धता को भी सार्थकता प्राप्त होगी. इसी परिसर में नव दुर्गा के नौ गुफा-मंडप बनाए गये हैं जहा साधक एकांतवास कर अपनी साधना सम्पन्न कर सकते हैं. यहाँ पर सिद्धेश्वर और गोस्थापित शिवलिंग से मनोकामना हेतु अर्पित नारियल को बाँधने हेतु "मन्नत का वृक्ष " भी है , जहाँ नारियल के भीतर घी और शक्कर भर कर बाँधने से माँगी गई मन्नतें अवश्य पूर्ण होती हैं।



इस अवसर पर श्री अशोक "आनंद" जी ने तिवारी परिवार आभार व्यक्त करते हुये कहा कि अभी तक आप मेरे अतिथि थे अब आप भी इस मानव मंदिर परिवार का एक हिस्सा बन गए हैं.
प्रस्तुति:-
- विजय तिवारी "किसलय"
6 टिप्पणियां:
बहुत उम्दा और सार्थक प्रयास. जबलपुर आयेंगे तो आपके चलेंगे दर्शन करने.
बहुत सुन्दर और सचित्र रपट लगाई है आपने!
प्रेम दिवस की हार्दिक बधाई!
bahut hi badhiya jankari di hai...........ha rhar mahadev.
बहुत उम्दा,सार्थक प्रयास है...
Shubh kamnaye
आदरणीय पंडितजी,
यह कार्य आपने वाक़ई बहुत पुण्य का किया है। भगवान गौरीनन्दन की अत्यंत सुन्दर प्रतिमा स्थापित हुई और वह भी इस महामुहूर्त पर। आनंद आ गया जी। आपको और आपके परिवार को बहुत बहुत बधाई। आपका बहुत बहुत आभार इस स्वर्णावसर को पोस्ट के माध्यम से हम सबसे बाँटने के लिए।
एक टिप्पणी भेजें