सोमवार, 9 नवंबर 2009

ऐसी हैं पुण्य सलिला माँ नर्मदा -- दूसरा भाग







धुआँधार
 जल प्रपात 
के  पहले  







धुआँधार
दृश्य








धुआँधार
दृश्य










धुआँधार

दृश्य



 



धुआँधार

दृश्य



 





धुआँधार
दृश्य



 






धुँआधार
दृश्य



 







 धुँआधार
दृश्य



 











धुँआधार से  आगे  की ओर




लम्हेटा घाट दुर्लभ भूगर्भीय  " लम्हेटाईट " चट्टानें .

श्री अरुण यादव, इंजी. सुधीर पाण्डेय, विजय तिवारी " किसलय "
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दिनांक ८ नवम्बर २००९ को इंजिनियर सुधीर पाण्डेय "व्यथित" , कहानीकार श्री अरुण यादव और मैंने जबलपुर , मध्य प्रदेश के पावन तट लम्हेटाघाट से विश्व प्रसिद्ध जल प्रपात धुआँधार तक नर्मदा के किनारे किनारे पैदल चल कर पुण्य सलिला माँ नर्मदा के दर्शन कर जो तृप्ति प्राप्त की है उसका वर्णन तो यहाँ कर पाना असंभव है, लेकिन मैंने नर्मदा के सौन्दर्य को अपनी स्मृति में संजोया है , उन में से कुछ चित्रों को आप सब को अवश्य बताना चाहूँगा, ताकि आप भी माँ के सौन्दर्य को देख कर कुछ तो आत्म संतुष्टि पा सकें. ---
- विजय तिवारी " किसलय "

7 टिप्‍पणियां:

SHAKTI PRAJAPATI ने कहा…

keep it up sir,i hope u'll be the one of the famous blogger of jabalpur,no doubt u r current at the top.

SHAKTI PRAJAPATI ने कहा…

sir,
u r in form,i think u have to make something big.I think u r in process too.

SACCHAI ने कहा…

" bahut hi shandar sir "

----- eksacchai { AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

बहुत सुन्दर तस्वीरें हैं. पिछले दिनों हम भी भेडाघाट गये थे और वहां के अद्भुत सौंदर्य पर चकित हुए थे.

समयचक्र ने कहा…

सुन्दर तस्वीरें हैं,,,

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

जय माँ नर्मदे, मुझे आपकी गोंद मे बैठने का अवसर प्राप्‍त हुआ है, ऐसा पुण्‍य और कहा ?

बवाल ने कहा…

बहुत आनंददायी चित्रण डॉ. साहब। काश हम उस दिन आपके साथ जा सके होते। खै़र कोई बात नहीं अगली बार सही।