विवेचना जबलपुर वह भाग्यशाली संस्था है जिसका गठन विश्वविख्यात तथा व्यंग्य विधा के प्रणेता स्वर्गीय हरिशंकर परसाई और उनके साथियों द्वारा किया था। सन् 1994 के आते आते विवेचना राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी थी. इसी वर्ष मध्य प्रदेश कला परिषद भोपाल के आनंद सिन्हा, विख्यात रंगकर्मी हबीब तनवीर , बंशी कौल आदि के मार्ग दर्शन से संस्कारधानी जबलपुर में 26 दिसंबर 1994 को " प्रथम राष्ट्रीय नाट्य समारोह " की शुरुआत हुई। शीर्षस्थ नाट्य निर्देशक और नाट्यकर्मी श्री हबीब तनवीर द्वारा उद्घाटित समारोह में उनके नाटक " देख रहे हैं नैन " सहित प्रसिद्ध निर्देशकों श्री बा। व. कारंत , श्री बंशी कौल एवं श्री सतीश आलेकर के नाटकों के मंचन ने जबलपुर एवं विवेचना को राष्ट्रीय क्षितिज पर नयी पहचान दिलाई. पिछले पंद्रह वर्षों से लगातार अब तक बा. व. कारंत, हबीब तनवीर, बंशी कौल, सतीश आलेकर, जुगल किशोर, तनवीर अख़्तर, दिनेश खन्ना, नादिरा बब्बर, दर्पण मिश्रा, अरुण पांडेय, उषा गांगुली, देवेन्द्र पेम, अरविंद गौड़, पीयूष मिश्रा, रंजीत कपूर, नवीन चौबे, अनिल रंजन भौमिक, संजय उपाध्याय, इप्टा भिलाई, श्रवण कुमार, वेदा राकेश, नज़ीर कुरैशी, बलवंत ठाकुर, के. जी त्रिवेदी, भूषण भट्ट, जावेद ज़ैदी व श्रीमती गुल वर्धन, अलखनंदन, लईक हुसैन, कमलेश सक्सेना, पंकज मिश्रा, विजय कुमार, अजय कुमार व विवेक मिश्रा, अशोक राही, बसंत काशीकर, श्याम कुमार, किशोर कुलकर्णी, दिनेश ठाकुर, जे. पी. सिंह, अतुल पटेल, मानव कौल, द्वारा निर्देशित लगभग ७८ नाटक मंचित हो चुके हैं.
अब दिनांक ७ अक्टूबर २००९ से दिनांक ११ अक्टूबर २००९ तक प्रतिदिन संध्या ७. ३० बजे से जबलपुर ( मध्य प्रदेश) के " तरंग प्रेक्षागृह " में आयोजित १६ वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उत्कृष्ट पाँच नाटकों का मंचन होने जा रहा है.
इस वर्ष के नाट्य समारोह का मुख्य आकर्षण डॉ. एम. सईद आलम द्बारा निर्देशित पिरोज टुप दिल्ली की दिनांक १० अक्टूबर २००९ को होने वाली प्रस्तुति " मिर्जा गालिब " को माना जा रहा है जिसमें प्रसिद्ध फिल्म एवं नाट्य कर्मी " टॉम आल्टर " मिर्जा गालिब की भूमिका में हमारे बीच होंगे. गालिब की संगीतमय प्रस्तुति, उनके जीवन और सामयिक मशहूर शायरों की जानकारी समेटे हुए मिर्जा गालिब निश्चित रूप से दर्शकों के दिलों में अपनी अमिट छाप छोडेगा. ज्ञात हो कि मिर्जा गालिब न्यूयार्क अमेरिका में भी धूम मचा चुका है. इसी तरह रविवार दिनांक ११ अक्टूबर २००९ को रंजीत कपूर द्वारा निर्देशित, दी एन्टर टेनर्स दिल्ली की प्रस्तुति " अफवाह " भी कराची पाकिस्तान में सराहना प्राप्त कर चुका है . दिनांक ०७ अक्टूबर २००९ को वसंत काशीकर द्वारा निर्देशित, विवेचना जबलपुर की प्रस्तुति " मित्र " , ०८ अक्टूबर २००९ को महमूद फारुखी द्वारा निर्देशित, दस्तक दिल्ली की प्रस्तुति " दास्तान गोई " एवं ०९ अक्टूबर २००९ को बंशी कौल द्वारा निर्देशित, रंग विदूषक भोपाल की प्रस्तुति " तुक्के पे तुक्का " भी अपने आप में श्रेष्ठ नाटक हैं . विवेचना को पूर्ण विश्वास है कि दर्शक इस समारोह को एक लम्बे अरसे तक अपनी स्मृति में संजोये रखेंगे. विवेचना के सचिव श्री हिमांशु राय, बाँके बिहारी ब्योहार, वसंत काशीकर आदि ने समारोह में उपस्थिति की अपील की है. मैं विवेचना परिवार का शुक्रगुजार हूँ जो जबलपुर में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय नाट्य समारोह आयोजित कर संस्कार धानी और देश-प्रदेश के दर्शकों को एक से बढ़ कर एक नाट्य -प्रस्तुतियाँ देखने का अवसर प्रदान करता है. मैं विवेचना की उत्तरोत्तर उन्नति की कामना करता हूँ।
अब दिनांक ७ अक्टूबर २००९ से दिनांक ११ अक्टूबर २००९ तक प्रतिदिन संध्या ७. ३० बजे से जबलपुर ( मध्य प्रदेश) के " तरंग प्रेक्षागृह " में आयोजित १६ वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उत्कृष्ट पाँच नाटकों का मंचन होने जा रहा है.
इस वर्ष के नाट्य समारोह का मुख्य आकर्षण डॉ. एम. सईद आलम द्बारा निर्देशित पिरोज टुप दिल्ली की दिनांक १० अक्टूबर २००९ को होने वाली प्रस्तुति " मिर्जा गालिब " को माना जा रहा है जिसमें प्रसिद्ध फिल्म एवं नाट्य कर्मी " टॉम आल्टर " मिर्जा गालिब की भूमिका में हमारे बीच होंगे. गालिब की संगीतमय प्रस्तुति, उनके जीवन और सामयिक मशहूर शायरों की जानकारी समेटे हुए मिर्जा गालिब निश्चित रूप से दर्शकों के दिलों में अपनी अमिट छाप छोडेगा. ज्ञात हो कि मिर्जा गालिब न्यूयार्क अमेरिका में भी धूम मचा चुका है. इसी तरह रविवार दिनांक ११ अक्टूबर २००९ को रंजीत कपूर द्वारा निर्देशित, दी एन्टर टेनर्स दिल्ली की प्रस्तुति " अफवाह " भी कराची पाकिस्तान में सराहना प्राप्त कर चुका है . दिनांक ०७ अक्टूबर २००९ को वसंत काशीकर द्वारा निर्देशित, विवेचना जबलपुर की प्रस्तुति " मित्र " , ०८ अक्टूबर २००९ को महमूद फारुखी द्वारा निर्देशित, दस्तक दिल्ली की प्रस्तुति " दास्तान गोई " एवं ०९ अक्टूबर २००९ को बंशी कौल द्वारा निर्देशित, रंग विदूषक भोपाल की प्रस्तुति " तुक्के पे तुक्का " भी अपने आप में श्रेष्ठ नाटक हैं . विवेचना को पूर्ण विश्वास है कि दर्शक इस समारोह को एक लम्बे अरसे तक अपनी स्मृति में संजोये रखेंगे. विवेचना के सचिव श्री हिमांशु राय, बाँके बिहारी ब्योहार, वसंत काशीकर आदि ने समारोह में उपस्थिति की अपील की है. मैं विवेचना परिवार का शुक्रगुजार हूँ जो जबलपुर में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय नाट्य समारोह आयोजित कर संस्कार धानी और देश-प्रदेश के दर्शकों को एक से बढ़ कर एक नाट्य -प्रस्तुतियाँ देखने का अवसर प्रदान करता है. मैं विवेचना की उत्तरोत्तर उन्नति की कामना करता हूँ।
नाट्य समारोह के सन्दर्भ में विवेचना के सचिव श्री हिमांशु राय से बातचीत के वीडियो अंश
- डॉ. विजय तिवारी " किसलय "
जबलपुर
6 टिप्पणियां:
": vivechana ,jablpur sanstha ko hamara salam kahena bahut hi badhiya avsar aapke dwar aaya hai " mirza galib "...ek adbhut vyaktitv ko aapki nazaro ke samne stage per punarjivit kiya jayega " tom altor " dwara ye bada hi accha mouka hai "
" aapke is lekh ke sankalan ko salam "
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
बहुत आभार..आगे भी जानकरी देते चलें विस्तार से कार्यक्रम की.
जानकारी देने का आभार!
कार्यक्रम की रपट भी अवश्य लगाइएगा!
bahut badhiya jankari di........shukriya.
paas vaas kaa jugad hai bhai
bahut achhi jaaankari di aapne....
girish jii...
aapse kahna chahunga ki aap jaiye to sahi..
jugad to ban hi jayega..
kyo ki jo jugad wale kojugaad mil hi jata hai
:)
frm:
ajayendra-tripathi.blogspot.com
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