संस्कारधानी जबलपुर मध्य प्रदेश को गर्वित करने वाले , बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी अंशलाल जी पन्द्रे आज आज दिनांक १२ सितम्बर २००९ को अपने यशस्वी जीवन के ५५ बसंत पार कर चुके. गाँव से महानगर तक और शालेय जीवन के छुट-पुट गायन से श्रेष्ठ सुगम संगीत के गायन तक का सफर पन्द्रे जी की मेहनत और लगन का ही परिणाम है. आप एक अच्छे साहित्यकार, एक अच्छे भजनकार और एक अच्छे संगीतकार भी हैं. आकाशवाणी से अनुबंधित गीतकार, ड्रामा आर्टिस्ट होने के साथ ही आप गीतों की संगीतमय प्रस्तुतियाँ भी दे चुके हैं . विभिन्न विषयों पर आपकी अनेक कृतियाँ भी प्रकाशित हो चुकी हैं .
गीत-संगीत को ही अपना सबकुछ मानने वाले श्री अंशलाल जी पन्द्रे जितने अपनी इन विधाओं में पारंगत हैं उससे कहीं अधिक परोपकारी और दूसरोँ की खुशी मेँ अपनी खुशी खोजने वाले सच्चे इन्सान हैँ . वाणी मेँ शहद जैसी मिठास रखने वाले श्री पन्द्रेजी पर माँ सरस्वती की अपार कृपा-वृष्टि अनवरत होती रहे.
आप नीरोग, स्वस्थ्य , शतायु और यशस्वी बनेँ. हमारी हार्दिक बधाई .
- विजय तिवारी " किसलय "
गीत-संगीत को ही अपना सबकुछ मानने वाले श्री अंशलाल जी पन्द्रे जितने अपनी इन विधाओं में पारंगत हैं उससे कहीं अधिक परोपकारी और दूसरोँ की खुशी मेँ अपनी खुशी खोजने वाले सच्चे इन्सान हैँ . वाणी मेँ शहद जैसी मिठास रखने वाले श्री पन्द्रेजी पर माँ सरस्वती की अपार कृपा-वृष्टि अनवरत होती रहे.
आप नीरोग, स्वस्थ्य , शतायु और यशस्वी बनेँ. हमारी हार्दिक बधाई .
- विजय तिवारी " किसलय "
5 टिप्पणियां:
बधाई.
श्री अंशलाल जी पन्द्रे को
56वें जन्म-दिन की बधाई!
आदरणीय पन्द्रे जी को हमारी ओर से भी बधाई। और ऐसे प्रखर चरित्र से रूबरू कराने के लिए आपका बहुत बहुत आभार, किसलय साहब।
बहुत बहुत बधाई
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