प्रथम पूज्य, गौरी तनय,
दयावंत, विघ्नेश।
कृपादृष्टि रखिये सदा,
सर्व गुणज्ञ गणेश ॥
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शिवसुत, लम्बोदर, विकट,
सिद्धिसदन, गणदेव ।
विघ्नविनाशक, गजवदन,
मंगलमूर्ति त्वमेव ॥
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बुद्धिविनायक, गुणसदन,
मंगलदायी रूप।
मेरे अंतस में बसो,
छवि ले परम अनूप ॥
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4 टिप्पणियां:
किसलय जी की वन्दना बहुत हृदय के पास।
शब्द भाव संयोग से दोहे बने हैं खास।।
प्रभावशाली दोहो के साथ गणेश जी के मंगलकारी चित्र के लिये धन्यवाद
बेहतरीन गणेश जी के दोहे
बेहतरीन गणेश जी के दोहे
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