शुक्रवार, 28 अगस्त 2009

दोहा श्रृंखला [दोहा क्र ६९ ]

गणेश पर्व के चलते
आज मैं अपनी २०० वीं पोस्ट के रूप में
भगवान भालचंद्र (गणेश जी ) का
समस्त विघ्न विनाशक ,
एकादश नाम वाला दोहा प्रस्तुत कर रहा हूँ ,
सच्चे हृदय से इसके श्रवण और पठन से
भक्तों के कार्यों में किसी भी प्रकार के
विघ्न उत्पन्न नहीं हो पायेंगे :-
*
दोहा क्रमांक - ६९
*
(भालचंद्र स्तवन )
*
गजमुख, लम्बोदर, सुमुख,
धूम्रकेतु, विघ्नेश ।

विकट, विनायक, गजकरण,
दंती, कपिल, गणेश ॥
- विजय तिवारी " किसलय "

7 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

200वीं पोस्‍ट की बधाई .. गणेश जी पर इतनी सुंदर रचना के लिए धन्‍यवाद !!

aarya ने कहा…

विजय जी
सादर वन्दे !
अति सुन्दर रचना !
भगवान श्री गणेश की कृपा हम सभी पर बनी रहे यही कामना करते हैं
रत्नेश त्रिपाठी

vikram7 ने कहा…

श्री गणेश जी,का एकादश नाम वाला दोहा प्रस्तुत करने के लिये धन्यवाद,श्री गणेश की कृपा हम सभी पर रहे.

vandana gupta ने कहा…

200 vi post ke liye hardik badhaayi sweekarein........ganesh ji ki 11 namon ki mala bahut hi badhiya lagi..........shukriya.

"अर्श" ने कहा…

आपके दोहे हमेशा ही मुझे अचम्भे में डाल देते है मगर कोई शक नहीं आपके लेखनी पे ... बहोत खुबसूरत दोहा है ... ढेरो बधाई...

अर्श

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

विध्नहर्ता श्री गणेश जी पर सुंदर दोहे रचने के लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद !!

200वीं पोस्‍ट की हार्दिक बधाई स्वीकार करें!

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

विघ्‍नहर्ता गणेश जी को 200वीं पोस्‍ट सर्मपण अच्‍छा रहा। वाकई बहुत अच्‍छा दोहा है।