गुरुवार, 26 मार्च 2009

दोहा श्रृंखला [दोहा क्र ३४]

नीर घटे,गर्मी बढे,
पवन मचाये शोर.
सूरज उगले आग सी,
लू चलती चहुँ ओर ...
- विजय तिवारी ' किसलय '

5 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

सुन्दर दोहा किसलय जी। ग्रीष्म की दोपहर का चित्र सा खिच गया।
बधाई।

मुकेश कुमार तिवारी ने कहा…

विजय जी,

सादर कहूंगा, बहुत सुन्दर!!!!!

मुकेश कुमार तिवारी

बेनामी ने कहा…

waah bahut khub

ज्योत्स्ना पाण्डेय ने कहा…

भाई जी ,
बहुत सुन्दर .......ग्रीष्म का एक चित्र .

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

बहुत सुन्दर