HINDI SAHITYA SANGAM JABALPUR, MP, INDIA
बहुत सुन्दर!!!इनसे बुझती प्यास,ये कवि "किसलय"समझावें,कोला-पेप्सी इनके आगे जाके,पानी भर लावे !!!!!
पर जब तक ना हो स्वच्छता इनको पीने से मन घबराए।सोच पीलिया, टाइफॉइड और हैजे का हम प्यासे रह जाएँ ।घुघूती बासूती
दोहा नित ऐसा लिखें हमको है विश्वास।प्यासे जो साहित्य के बुझेगी उनकी प्यास।।सादर श्यामल सुमन09955373288मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।www.manoramsuman.blogspot.comshyamalsoman@gmail.com
बहुत सुन्दर गर्मी मे इनसे ही प्यास बुझती हे
kahan se soch kar laye hain,bilkul hat kar likh diya is bar to.
कितना माधुर्य है....दोहे में कल ही तनखा साब वाले चौक पे अनुभव हुआ मेरा अनुभव आपने लिखा कैसे ?
आपने तो प्यास जगा दी |
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7 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर!!!
इनसे बुझती प्यास,
ये कवि "किसलय"समझावें,
कोला-पेप्सी इनके आगे जाके,
पानी भर लावे !!!!!
पर जब तक ना हो स्वच्छता इनको पीने से मन घबराए।
सोच पीलिया, टाइफॉइड और हैजे का हम प्यासे रह जाएँ ।
घुघूती बासूती
दोहा नित ऐसा लिखें हमको है विश्वास।
प्यासे जो साहित्य के बुझेगी उनकी प्यास।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsoman@gmail.com
बहुत सुन्दर
गर्मी मे इनसे ही प्यास बुझती हे
kahan se soch kar laye hain,bilkul hat kar likh diya is bar to.
कितना माधुर्य है....दोहे में
कल ही तनखा साब वाले चौक पे अनुभव हुआ
मेरा अनुभव आपने लिखा कैसे ?
आपने तो प्यास जगा दी |
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