HINDI SAHITYA SANGAM JABALPUR, MP, INDIA
Tiwari ji Bahut khoob likha aapne. aapki kavita ek sabak deti hai. Badhaai ho .
बिल्कुल वाजिब फ़रमाते आप ‘किसलय’ साहब. मुखिया का अपने दायित्व को भूलना उसके लिए ही हानिकारक है. दोहा अच्छा बन पड़ा.
प्रेरक
प्रेम जीअभिवंदनआपने मेरे दोहे पर अपनी प्रतिक्रिया दी, ब्लॉग पर आए यही मेरी उपलब्धि हैआभार-विजय
भाई जी आपसे साहित्यिक परिचय तो है लेकिन आप मिल कब रहे हैं ?टिप्पणी के लिए आभार- विजय
महेंद्र भाई बस आपका स्नेह बना रहे यही उम्मीद रखता हूँ.आप का स्नेह ही मेरी प्रेरणा है-विजय
बहुत सटीक कहा-दोहा सुन्दर एवं चुटीला है.
मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामना .
आदरणीय समीर जीअभिवंदनआपको दोहा अच्छा लगा,एक साहित्यकार को इससे ज्यादा और क्या चाहिए ...आभार- विजय
महेंद्र भाई आपको भी सपरिवार मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ..- विजय
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10 टिप्पणियां:
Tiwari ji
Bahut khoob likha aapne. aapki kavita ek sabak deti hai. Badhaai ho .
बिल्कुल वाजिब फ़रमाते आप ‘किसलय’ साहब. मुखिया का अपने दायित्व को भूलना उसके लिए ही हानिकारक है. दोहा अच्छा बन पड़ा.
प्रेरक
प्रेम जी
अभिवंदन
आपने मेरे दोहे पर अपनी प्रतिक्रिया दी,
ब्लॉग पर आए यही मेरी उपलब्धि है
आभार
-विजय
भाई जी
आपसे साहित्यिक परिचय तो है लेकिन आप मिल कब रहे हैं ?
टिप्पणी के लिए आभार
- विजय
महेंद्र भाई बस आपका स्नेह बना रहे
यही उम्मीद रखता हूँ.
आप का स्नेह ही मेरी प्रेरणा है
-विजय
बहुत सटीक कहा-दोहा सुन्दर एवं चुटीला है.
मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामना .
आदरणीय समीर जी
अभिवंदन
आपको दोहा अच्छा लगा,
एक साहित्यकार को इससे ज्यादा और क्या चाहिए ...
आभार
- विजय
महेंद्र भाई
आपको भी सपरिवार मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ..
- विजय
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