बुधवार, 31 दिसंबर 2008

फ़िर आया नव वर्ष

पिछले वर्षों के सभी, मुद्दे और विकल्प
पूरा करने के लिए , लेंगे फ़िर संकल्प
स्वयं और परिजनों का, करने को उत्कर्ष
----------------------------------फ़िर आया नव वर्ष

लिप्त रहे निज स्वार्थ में, किया कोई विकास
परहित की बातें सभी, लगती थीं बकवास
विवश क्या पदमोह ने, कारने जन संघर्ष
------------------------------------फ़िर आया नव वर्ष

जन नायक कुछ आज के, बनकर भ्रष्ट - दलाल
सौदे का मुर्गा समझ, करते हमें हलाल
बेशर्मी को ओढ़कर , प्रकट करें ये हर्ष
-------------------------------------फ़िर आया नव वर्ष

झूठ, द्वेष , पाखण्ड से, ग्रसित हुआ जनतंत्र
भूल गए ये आज सब, देश - प्रगति का मन्त्र
राजनीति के क्षरण का , बतलाने निष्कर्ष
----------------------------------------फ़िर आया नव वर्ष

बने प्रगति सोपान अब , छल , बल, दल, षड्यंत्र
शेष कमी पूरी करे, विकृत मीडिया तंत्र
अपनापन दिखलायेंगे, मिलकर ये दुर्धर्ष
---------------------------------------फ़िर आया नव वर्ष


"सोन-चिरैया" नाम से , था प्रसिद्ध जो देश
दूध - सरित अब बहें, हैं कंगाल नरेश
नैतिकता का हो रहा, लगातार अपकर्ष
---------------------------------------फ़िर आया नव वर्ष


औद्योगोक उत्थान पर, लगातार कर शोध
निर्भरता हम पायेंगे, हटा सभी अवरोध
ज्ञापित करने विश्व को, जग - सिरमौर सहर्ष
---------------------------------------फ़िर आया नव वर्ष

तकनीकी, विज्ञान से, हों नवीनतम खोज
श्रम, बल, बुद्धि, विवेक से, प्रगति करें हम रोज
बतलाने संसार को, वैभव और प्रकर्ष
---------------------------------------फ़िर आया नव वर्ष
डॉ. विजय तिवारी " किसलय "

11 टिप्‍पणियां:

समयचक्र ने कहा…

नववर्ष की आपको व परिवारवालों को हार्दिक शुभकामना .

Unknown ने कहा…

नया साल आए बन के उजाला
खुल जाए आपकी किस्मत का ताला|
चाँद तारे भी आप पर ही रौशनी डाले
हमेशा आप पे रहे मेहरबान उपरवाला ||

नूतन वर्ष मंगलमय हो |

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

महेन्द्र भाई
नमस्कार
धन्यवाद, आप मेरे ब्लाग पर आए .
मुझे शुभकामनाएँ दीं

आपका
विजय

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

शुभम जी

आपका अंदाजेबयां अच्छा लगा
आपको भी नये वर्ष की शुभकामनायें.

आपका
विजय

बवाल ने कहा…

क्या बात है डा॓. साहब फिर आया नव वर्ष. अहा !बहुत ही सुन्दर उत्कर्ष कहा सर. मुझे तो आनन्द आ गया. उच्च स्तर की कविता है किसलय साहब सहेज कर रखिएगा.
आपका अपना
---बवाल

hem pandey ने कहा…

नव वर्ष के आगमन पर आपने चली आ रही सभी बुराइयों की ओर इंगित कर दिया है ताकि नववर्ष में उनका निराकरण हो.

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

हेम जी
नमस्कार

आपने सच कहा , यदि हम पिछली बुराइयों और कमियों को मुड़ कर देखें और उनकी पुनरावृति के प्रति सजग रहें तो उद्देश्य की प्राप्ति और सफलता में संदेह की कोई गुंजाइश ही नहीं रहेगी
आपका
विजय

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