सोमवार, 8 दिसंबर 2008

दोहा श्रृंखला- ८

अन्यायी से न्याय की,

विनती सौ-सौ बार ।


भीख दया की माँगना ,


ज्यों निष्ठुर के द्वार ॥
- किसलय

2 टिप्‍पणियां:

Girish Kumar Billore ने कहा…

प्रणाम जीजा श्री
अदभुत दोहा

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

dhanywaad girish jee