शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2008



परिवर्तन
मोहल्ले के एक सार्वजनिक स्थल पर रोज रोज कचरा फेंकने से

उत्पन्न गंदगी पड़ोसियों की मुसीबत का कारण बनती जा रही थी .
बार बार समझाने बुझाने और मना करने के

बाद भी जब गंदगी फैलाने वालों पर कोई असर नहीं पड़ा तब

पीड़ितों ने आपसी विचार विमर्श कर वहाँ रातों रात एक धार्मिक

चबूतरा बनवा दिया .
अब आस्था का प्रतीक बन चुके उसी स्थल पर लोग

पवित्र जल और सुगंधित पुष्प चढ़ाते हैं .
- डॉ विजय तिवारी " किसलय "

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