गुण-दोष टटोल
भाग्य नहीं होता माथे
पर,शक्ति न होती वरदानों में।
नाशवान है जीवन सबका ,
व्यर्थ न बीते वीरानों में ॥
स्वप्न बाहें न आंसू बनकर ,
ये मोती से हैं अनमोल ।
कर्म-युद्ध में विजय मिलेगी,
निज में ही " गुण-दोष टटोल" ॥
- डॉ विजय तिवारी " किसलय"
जबलपुर, म प्र
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