भाई गुप्तेश्वर द्वारका गुप्त अपने जीवन के ५८ बसंत देखते हुए आज ३० अगस्त २००८ को विद्युत् विभाग से सेवा निवृत्त हो गए। उनके कार्यालय द्बारा उन्हें आज भाव भीनी विदाई दी गई। मध्य प्रदेश राज्य विद्युत् मंडल हिन्दी परिषद् के साहित्य सचिव श्री गुप्त ने बुन्देली विधा को प्रादेशिक राष्ट्रीय स्तर पर का सतत प्रयास किया और हमें उम्मीद है भविष्य में भी अपनी के प्रतिफल से इस समाज को लाभान्वित करते रहेंगे । इस अवसर पर हिन्दी परिषद् के राजेश पाठक "प्रवीण ", डॉ विजय तिवारी " किसलय ", बसंत मिश्रा, लेखाधिकारी श्रीमती हेम लता अग्रवाल सहित विभिन्न लोग उपस्थित थे। श्री गुप्त ने सबके स्नेह और अपनत्व के प्रति आभार व्यक्त किया।
1 टिप्पणी:
jaankare ke lie abhar
mujhe lagataa naheen tha ki gupt je 58 ke hai
meree shubh kamanaen
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