शुक्रवार, 25 जुलाई 2008

अर्थी को देना कांधा

मैं इस पोस्ट के मध्यम से आपका परिचय टोरंटो निवासी भारतीय मूल की महिला "नीरा राजपाल " से करा रहा हूँ, जो ब्लॉगिंग की दुनिया की जानी-मानी हस्ती तो हैं ही, साथ ही अपनी भावनात्मक रचनाओं के लिए भी पहचानी जाती है.. शायर फॅमिली वेब साइट कि सक्रिय सदस्या नीरा राजपाल एक अच्छी इंसान होने के साथ एक अच्छी साहित्यकार के रूप में भी अपनी पहचान बनाने में सफल हुई हैं. यहाँ हम उनकी एक प्रतिनिधि रचना से आप सब को रू-ब-रू करा रहे हैं....


अर्थी को देना कांधा
मुझसे मेरी शादी की बात करते हो

बारात और दूल्हे की बात करते हो

पहनूं मैं सुर्ख जोड़ा, सितारे जड़ा

गहनों और शृंगार की बात करते हो


मेहमानों को तुम आमंत्रित करते हो

आज मुझसे ही ये सवाल करते हों

जब भाग्य में मौत ही लिखी है मेरे

क्यों डूबती किश्ती में पाँव रखते हो


पहले भी अपनों ने मुझे सजाया था

फूलों से सजी डोली में बैठाया

तब हाथों से छुपाकर चेहरा अपना

काँपते होंठों को दाँतों तले दबाया था


होगी मुश्किल तुम्हें भी, ये जानती हूँ

रिश्ता था बस यहीं तक, ये मानती हूँ

लेकिन जब जाऊँ जहां से, मेरे माहिया

अर्थी को देना कांधा मैं, ये चाहती हूँ ..

- नीरा राजपाल , टोरन्टो , कनाडा
प्रस्तुति
---- विजय तिवारी ' किसलय '






2 टिप्‍पणियां:

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

अजय जी मनोभावो को बखूबी प्रस्तुत किया है।

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

paramjeet ji
namaskaar,
sabse pahle mere blog ko padh kar tippani dene ke liye dhanywaad, mujhe ummeed hai ki ham ab se aage bhi nikat-ta banaye rakhenge, isi aasha ke sath.
aapka
Dr. Vijay Tiwari "Kislay
jabalpur, mp, india"