डॉ.विजय तिवारी की 'किसलय के काव्य सुमन " का समीक्षात्मक गीत
डॉ विजय तिवारी "किसलय" जबलपुर द्बारा रचित "किसलय के काव्य सुमन" की ८४ कविताओं के ३३ शीर्षकों को लेकर मैंने उक्त कृति की काव्यात्मक विवेचना की है, जिसमें निम्न शीर्षकों को शामिल किया गया हैः-
१ मानवता, २ मान, ३ संकल्प, ४ शुभचिन्तक, ५जीवन के पथ पर, ६ सृष्टि संचालक, ७ परहित धर्म, ८ सबके मन होंगे आनंद, ९ सफलता की सीढ़ी, १० जीवन के पल, ११ सीख, १२ क्रांतिवीर, १३ श्रम-पूजा, १४ कर्म साधक, १५ बंधु-भाव, १६ प्रगति-शिखर, १७ लक्ष्य, १८ गुण-दोष टटोल, १९ मातृभूमि, २० विश्व का ताज़, २१ स्वर्णिम वसुन्धरा, २२ पुष्प, २३ मन से मन का मिलन, २४ सुनहरे सपने, २५ बिन सजना के कुछ न भाये, २६ लहरों पर लहरें, २७ फलदायक, २८ भावना, २९ जिन्दगी, ३० उत्कर्ष, ३१ स्मृति, ३२ नन्ही परियाँ, ३३ नदी नाव और नाविक।
(डॉ विजय तिवारी "किसलय")
किसलय के काव्य सुमन - सृजन गीत
किसलय के काव्य सुमनआत्मानंद
शब्द सहज उपजा दें अमृतानद
मानवता, मान, संकल्प, शुभचिन्तक
जीवन के पथ पर सृष्टि संचालक
परहित धर्म, सबके मन होंगे आनंद
किसलय के काव्य सुमन आत्मानंद
सफलता की सीढ़ी,जीवन के पल सीख
क्रांतिवीर, श्रम-पूजा से लोपित भीख
कर्म साधक, बंधु-भाव चेतनानंद
किसलय के काव्य सुमन आत्मानंद
प्रगति-शिखर लक्ष्य हित गुण-दोष टटोल
मातृभूमि, विश्व का ताज़ अनमोल
स्वर्णिम वसुन्धरा, पुष्प उपवनानंद
किसलय के काव्य सुमन आत्मानंद
मन से मन का मिलन, सुनहरे सपने
बिन सजना के कुछ न भायें गहने
लहरों पर लहरें पावन प्रेमानंद
किसलय के काव्य सुमन आत्मानंद
फलदायक भावना, जिन्दगी उत्कर्ष
स्मृति, नन्ही परियाँ, हर्ष ही हर्ष
नदी नाव और नाविक स्वजनानंद
किसलय के काव्य सुमन आत्मानंद
- अंशलाल पन्द्रे, जबलपुर