रविवार, 11 अगस्त 2013

कचराघर से बदतर जबलपुर का जवाहर वाचनालय

कचराघर से बदतर जवाहर वाचनालय 
दशकों से हालात बाद से बदतर होते जा रहे हैं.

२ अगस्त को मैंने इस वाचनालय से सम्बंधित जानकारी फेसबुक के माध्यम से आप सभी तक पहुंचाई थी , कुछ ही जागरूक फेसबुकिया मिले जिन्होंने इसे संवेदनशील माना, बाकी शायद या तो देख-पढ़ नहीं पाए अथवा कुछ करना ही नहीं चाहा क्यों कि ये उनका विषय नहीं है, उनके विषय कुछ और हो सकते हैं जैसा की हम ऍफ़ बी पर देखते ही हैं.
आज पुनः कल दिनांक ८ अगस्त २०१३ का वीडियो पुनः इस लिए पोस्ट कर रहा हूँ कि आज भी वाही हाल हैं , आज के वीडियो को देख कर हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि इस वाचनालय की स्थिति कचराघर से भी बदतर इस लिए है कि कचरा घर में केवल कचरा होता है लेकिन यहाँ सुअर झुंडों में पाए ही नहीं जाते यहाँ वे अपने बच्चों को दूध पिलाती और आराम फरमाती भी मिलती हैं.
मिनी बस कड़ी करने का अड्डा है. कचरे की ट्राली भी यहीं राखी जाती है. आजू बाजू के स्थान का उपयोग मूत्रालय के रूप में किया जाता है. वाचनालय का भवन जर्जर. सीलन भरा,टूटे फर्नीचर से भरा, है, व्यवस्था के नाम पर कहने लायक कुछ नहीं है.
लानत है ऐसे प्रशासन पर जो सार्वजनिक स्थान पर जहाँ लोग सुबह शाम जाना चाहते हैं , मगर गंदगी के आलम में जा नहीं पाते ..
मुझे समझ में नहीं आता क्या क्या लिखूं . अब हमें देखना है कि इस दूसरी पोस्ट पर क्या होता है,, इन स्थिति में आगे हमें भी देखना होगा कि इन जन प्रतिनिधियों के साथ क्या किया जाना चाहिए ...


https://www.facebook.com/photo.php?v=10201837172519902

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