शनिवार, 30 मई 2009

किसलय की कवितायें

मेरी आवाज़ में मेरी कुछ कवितायें सुनें ......

9 टिप्‍पणियां:

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

अति सुन्दर
प्रवाह मय
बाधा हीन सहज सरल
अति सुन्दर

Asha Joglekar ने कहा…

सरल सुंदर भाषा में जीवन का यथार्थ दर्शाया है अपने इन कविताओं में ।

Udan Tashtari ने कहा…

आनन्द आ गया. लगा कि आपको सामने बैठ कर सुन रहे हैं. बहुत आभार इस प्रस्तुति का.

"अर्श" ने कहा…

WAAH BAHOT KHUBSURT... BAHOT KHUB ANDAAJ ME SUNAA MAJAA AAGYAA SACH ME AISAA LAGAA KE AAPKO SAAMNE HI SUN RHAA HUN...


ARSH

vandana gupta ने कहा…

bahut hi shandaar rachnayein hain...........khoobsoorat prastuti.

समयचक्र ने कहा…

आनन्द आ गया...

समयचक्र ने कहा…

आपकी इस पोस्ट की चिठ्ठी चर्चा समयचक्र में

SurShivaayStudio - Live the Music ने कहा…

आप की रचना सुनी अच्छा लगा ..सब से अच्छा ये लगा की आप मेरे शहर से है ..मैं जबलपुर की पावन भूमि से हूँ और
रेडियो से जुडी रही मैं २००० से २००५ तक मैं आकाशवाणी में युववाणी में थी .
मुझे पढ़ते रहे और आशीष देते रहे

धन्यवाद

Alpana Verma ने कहा…

yah radio ki recording lag rahi hai.

'kya khoya kya paaya'---kavita to bahut hi achchee hai...jeevan darshan samjhaati hui.
uttam Prastuti!