मंगलवार, 28 अप्रैल 2009

दोहा श्रृंखला [दोहा क्र. ५५ ]



शिशु क्या जाने कौन है, ईशा, राम, रहीम. सीख सीखकर ही बनें, शिल्पी, कवी, हकीम

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9 टिप्‍पणियां:

श्यामल सुमन ने कहा…

बच्चे को कहते सभी यह तो है भगवान।
इनमे से बनता कोई कृष्ण और रहमान।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

"अर्श" ने कहा…

IS DOHE KE BAARE ME KYA KAHUN BAS STABHDH HUN BACHHE MAN KE SACHHE ... BAHOT HI KHUBSURATI SE LIKHAA HAI AAPNE.. KILAY SAHIB AAPKO DHERO BADHAAYEE IS SACHHE DOHE KE LIYE...


ARSH

vandana gupta ने कहा…

bahut hi khoobsoorat likha hai.

BrijmohanShrivastava ने कहा…

सही है बच्चों में हम जैसे संस्कार डालेंगे वही तो बनेंगे / उत्तम दोहा

Mumukshh Ki Rachanain ने कहा…

दोहे द्वारा उत्तम सन्देश.

कहा भी गया है
करत- करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान

बधाई.

चन्द्र मोहन गुप्त

Girish Kumar Billore ने कहा…

kahaan hai sir aaj kal

sandhyagupta ने कहा…

Gagar me sagar. Bahut khub.

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

समाज के लिये अच्‍छा संदेश देता हुआ दोहा

Doobe ji ने कहा…

vijay bhaiya namaskar...kahan hain ?.....kai dino se na phone aur na hi koi khabar....