रविवार, 22 मार्च 2009

गिरीश बिल्लोरे का "बावरे फकीरा" विमोचित


जिस तरह पेड़ बनने की प्रकिया अंकुरण से प्रारंभ होती है, उसी तरह प्रतिभा भी बचपन से ही नज़र आने लगती है. माँ सव्यसाची प्रमिला बिल्लोरे ने भी एक ऐसे बेटे को जन्म दिया जो अपने परिवार ही नहीं संस्कारधानी जबलपुर के संस्कारों को गरिमा प्रदान कर रहा है. परिवार और माँ के स्नेह ने उसे सदैव आगे बढ़ने हेतु प्रेरित किया. " होनहार बिरवान के, होत चीकने पात" की कहावत को चरितार्थ करते हुए अपने सृजनात्मक कृत्यों से आज श्री गिरीश बिल्लोरे " मुकुल" ऐसी ऊँचाई पर पहुँच गये हैं जहाँ हर किसी का पहुँचना मुमकिन नही होता . साहित्य संस्कृति, कला और ब्लाग लेखन को शासकीय नौकरी के समानांतर महत्व देते हुए सन 2002 में आपके द्वारा प्रस्तुत सदगुरु स्वामी शुद्धानंद जी के प्रेरक पत्रों पर आधारित पुस्तक " जीवन का आलाप "( लाईफ़ आफ मेलोडी) के विमोचन अवसर से ही ऐसा आभास होने लगा था कि गिरीश जी का झुकाव साहित्य के साथ साथ आध्यात्म की ओर भी हो चला है और उनका चिंतन-मनन एक दिन ज़रूर रंग लाएगा ।
विगत वर्ष जब गिरीश जी के लिखे, आभास जोशी और संदीपा पारे द्वारा गाए साईं भक्ति गीतों का आडियो एलबम " बावरे फकीरा" के लोकार्पण की भूमिका तैयार की जाने लगी तब ऐसा लगा जैसे साईं बाबा ने स्वयं ही कोई शुभ अवसर निश्चित किया हो।
एक अच्छे साहित्यकार से अच्छे कार्य की ही उम्मीद की जाती है। भाई गिरीश के जेहन में जहाँ अपने लिखे साईं भक्ति गीतों के एलबम " बावरे फकीरा " के विमोचन की बात थी वहीं दूसरी ओर कुछ और असाधारण कार्य करने की भी प्रेरणा ' साईं ' से मिल रही थी और वह प्रेरणा थी "पोलियो ग्रस्त बच्चों की सहायतार्थ कुछ करना. इस तरह यह महती कार्यक्रम एक साहित्य के सर्जक का, संगीतमय भक्ति गीतों का और सबसे बड़ा पोलियो ग्रस्त बच्चों की मदद का बन गया.
फिर क्या था, नवोदित गायक आभास जोशी, संदीपा पारे, वाइस आफ इंडिया फेम ज़ाकिर हुसैन की उपस्थिति सुनिश्चित होते ही संस्कार धानी के मानस भवन में बावरे फकीरा के विमोचन के लिए 14 मार्च 2009 का दिन नियत हुआ और शुरू हो गईं तैयारियाँ।
14 मार्च 2009 की संध्या के 7 बजते ही शहर और आसपास का जन सैलाब ऐसा उमड़ा कि देखते ही देखते पूरा प्रेक्षागृह खचाखचा भर गया। मध्य प्रदेश के विधानसभाध्यक्ष श्री ईश्वर दास रोहाणी सहित अतिथियों द्वारा "बावरे फकीरा " के गरिमामय विमोचन और गिरीश बिल्लोरे की भावमय अभिव्यक्ति के पश्चात पूरा मानस भवन संगीत निशा में डूब गया.
लोगों ने बावरे फकीरा एलबम खरीदा पर मुझे ऐसा लगा जैसे लोगों में ऐसे परोपकारी कार्यों हेतु उतनी जागरूकता अभी भी नहीं है जितनी होना चाहिए. बावजूद इसके हमें उम्मीद है कि लोग इस अभियान में ज़रूर जुड़ते जाएँगे।
गिरीश जी की पहली बड़ी उपलब्धि उस समय सामने आई जब दिनांक 20 मार्च 09 को सव्यसाची कला ग्रुप द्वारा कलेक्टर जबलपुर को पोलियो ग्रस्त बच्चों की सहायतार्थ एलबम से प्राप्त 25 हज़ार रुपयों की राशि प्रदान की गई, जिसे अप्रेल 09 में आने वाली मैजिक ट्रेन लाईफ़ एक्सप्रेस को दी जाएगी ।
इस वंदनीय समग्र अभियान के विषय में जब मैने गिरीश जी से पूछा तो उन्होंने इसका संपूर्ण श्रेय " शिर्डी वाले साईं बाबा " को दिया। स्वयं को मात्र एक माध्यम बताते हुए उन्होंने इसे पोलियोग्रस्त बच्चों के प्रयास की शुरुआत बताई जिसके लिए उन्होंने जनसहयोग का आह्वान किया । इस तरह इस अपूर्व और परमार्थी कार्य के लिए स्नेही गिरीश बिल्लोरे "मुकुल" जी का अभिनंदन और बधाई देते हुए मैं स्वयं और संस्कार धानी जबलपुर गौरवान्वित महसूस कर रही है।
- विजय तिवारी " किसलय "

11 टिप्‍पणियां:

"अर्श" ने कहा…

BADHAEE HO....


ARSH

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

इन नाम आँखों का क्या करुँ
जो किसी की पीर से भर आतीं है
सच यूं लगता है कोई बिना कदम क्यों
कोई नबीना क्यों ? कोई भूखा क्यों
कोई हारा क्यों .....!!
यही तो कविता है ... यही तो साहित्य है
जो आप सबसे सीखा आप सच यकीन कीजिए की मैंने
कुछ नहीं किया सब ईश्वर का खेला था
मैं कहाँ था वहाँ कितने पावन भाव और शरीर लेकर आए थे बाबा
मन में ........ जन में .............
फिर भी आपकी पोस्ट से उत्साह हुआ है

संगीता पुरी ने कहा…

अच्‍छी पोस्‍ट लिखी आपने ... गिरीश बिल्‍लोरे जी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

गिरीश जी को बहुत बहुत बधाइयाँ, और अपने आराध्य की प्रेऱणा से किए गए सत्कार्यों के लिए साधुवाद!

Prem Farukhabadi ने कहा…

behtar lekh evam behtar kary ke liye badhaai.

बेनामी ने कहा…

Bhai Vijay ji
aap to kamal ka likh gae
meraa mitr hai hee isee kaqil
kintu kabhi hataash bhee ho jaataa hai
use log der der se samajh pate hai. mujhe maaloom hai vibhag ke bade afasar is afasar numaa kavi geetkaar ko "HANUMAAN" kahaten hai
MANISH SHARMA

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

गिरीश जी को बहुत बहुत बधाइयाँ.....!!

बवाल ने कहा…

आपके माध्यम से भी मुकुल भाई को बहुत बहुत बधाई किसलय साहब। आपने बहुत उम्दा चित्र उकेरा इस सफल आयोजन का।

Asha Joglekar ने कहा…

बहुत सुंदर लेख । गिरीश बिल्लोरे जी को बहुत बधाई और उनके द्वार किया गया ये सत्कार्य हम सब के लिये प्रेरणा सिध्द हो ।

Vivek Ranjan Shrivastava ने कहा…

गिरीश जी को आपके माध्यम से बधाई ...

Unknown ने कहा…

badhai ho girish ji ko