गुरुवार, 9 अक्तूबर 2008

अम्बे माँ



अम्बे माँ


भूख-गरीबी,

स्वार्थ दूर कर,

"अम्बे-माँ " तू,

खुशियाँ भर दे।

बिन मांगे,

जन, नेताओं को,

देश-प्रगति,

सद्भाव का वर दे ।



- विजय तिवारी " किसलय "

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