हिन्दी साहित्य संगम जबलपुर
HINDI SAHITYA SANGAM JABALPUR, MP, INDIA
गुरुवार, 9 अक्टूबर 2008
अम्बे माँ
अम्बे
माँ
भूख-गरीबी,
स्वार्थ दूर कर,
"अम्बे-माँ " तू,
खुशियाँ भर दे।
बिन मांगे,
जन, नेताओं को,
देश-प्रगति,
सद्भाव का वर दे ।
- विजय तिवारी " किसलय "
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