गुरुवार, 12 जून 2008
भाई राजेन्द्र जैन "रतन"
भाई राजेन्द्र जैन "रतन"
संस्कारधानी जबलपुर के
जाने माने कवि हैं.
आपका काव्य संग्रह
"समय की पुकार" प्रकाशित
हो चुका है. जबलपुर की
विभिन्न संस्थाओं से सम्बद्ध
श्री जैन एक सहृदयी एवं
मिलनसार व्यक्तित्व के धनी हैं
यहाँ हम उनकी एक
देशभक्ति पूर्ण रचना से आपको
अवगत करा रहे हैं....
झंडा ऊँचा रहे हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा,
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
सदा एक थे एक रहेंगे
यह है इस झंडे का नारा
चाहेजितने ध्वज फहराओ
जितनी भी आवाज लगाओ
दिशा बदल दो दशा बदल दो
नहीं झुकेगा किसी हाल में
झंडा ऊँचा रहे हमारा.......
लहर लहर लहरायेगा यह
तूफानों से टकरायेगा
मातृभूमि की रक्षाके हित
सदा खड़ा मुस्कायेगा
झंडा ऊँचा रहे हमारा.......
देशभक्ति का भाव बढ़ाता
जन गण में जन जन की भाषा
भाव एकता का संचित कर
सरहद पर हरदम लहराता
झंडा ऊँचा रहे हमारा.......
आने वाली हर पीढ़ी को
वर्तमान में नवयुवकों को
देशभक्ति का पाठ पढ़ाता
राह समर्पण की दिखलाता
झंडा ऊंचा रहे हमारा.......
-------०००००-------
प्रस्तुति:-
डाँ विजय तिवारी "किसलय"
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4 टिप्पणियां:
दादा राजेन्द्र जैन "रतन" संस्कारधानी जबलपुर के जाने माने कवि हैं और आपकी रचानाये मैं काफी अरसे से सुन पढ़ रहा हूँ . उनकी रचना प्रस्तुत करने के लिए आभार.
bhai mahendra mishra jee
namaskaar
shukriya aapke dwara utsah wardhan ke liye.
aap jaise sahitykaaron ke karan hi ye sahity fal fool rahaa hai
kislay
This is a very patriotic poem written by my Nanaji-shri Rajendra jain "ratan" .....iss tarah ki kavita padhne par hum yuvaon ki dilon me josh ki ek leher uthi hai aur hum hindustani hone par garv mehsus kartein hain.....
विशाल ,
खुश रहो
मुझे हार्दिक खुशी हुई यह जान कर की आप रतन जी के नाती हो.
यह भी खुशी हुई की आपने मेरे ब्लॉग में आकर उनकी रचना को पढ़ कर अपनी अभिव्यक्ति दी.
आप
-विजय
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