रविवार, 1 जून 2008

प्रसंग ने रचा एक और इतिहास


संस्कार धानी में प्रसंग के अब तक के सभी
कार्यक्रम अद्वितीय एवं अविस्मरणीय हैं
संस्कार धानी संस्कारों का गढ़ है।
अभाव है तो बस लोगों में लगन और
समर्पण की. यदि ऐसा होता है तो वह
"प्रसंग" बन जाता है.संस्था प्रसंग के
बेनर तले आयोजित अब तक के सभी
कार्यक्रम प्रसंग के लिए प्रगति सोपान ही
सिद्ध हुए एक एक कार्यक्रम एक एक सोपान
की तरह प्रसंग को बुलंदी की ओर अग्रसर कर रहे हैं।
इंजी। विनोद ‘नयन’, डॉ मक़बूल अली,डॉ रानू 'रूही',
और उनसे जुड़े लोगों की सक्रियता को हमारा सलाम।
मई 2008 को शहीद स्मारक प्रेक्षा गृह मे आयोजित
कार्यक्रम “ हमारे कलाम हमारी आवाज़ “ एक ऐसी ही
बेहतरीन परिकल्पना का सुफल है जिसमें संस्कारधानी
के कवि शायरों की रचनाओं को जबलपुर के ही सुविग्य
संगीतकारों एवं गायक-गायिकाओं ने स्वर देकर प्रेक्षागृह
को अनेक बार तालियों और वाह वाही से गुंजायमान कर दिया
सूरज राय ‘सूरज’, महावीर नयन, विनोद नयन, डॉ रानू रूही,
डॉ मक़बूल अली, आशा अनवर,विनोद शलभ की रचनाओं
को डॉ अनवर हुसैन, राजेश श्रीवास्तव, विदुषी सोनी आदि ने अपने
जादुई स्वरों में पिरोकार श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
भोपाल दूर दर्शन के निदेशक श्री साजिद रिज़वी, श्री खुरानाजी,
शी एंडे, श्री शशी जी, श्री ओंकार श्रीवास्तव सहितनगर के
गण्यमान नागरिकों ने देर रात तक इस अनूठे और
सरस कार्यक्रम का लुत्फ उठाया.
- डॉ विजय तिवारी “किसलय” जबलपुर

1 टिप्पणी:

समयचक्र ने कहा…

जबलपुर शहर के साहित्य जगत के बारे मे आपकी पोस्ट पढ़कर बेहद अच्छा लगा . कृपया साहित्य जगत की सक्रियता / हलचल के बारे मे जानकारी देते रहे. धन्यवाद