शनिवार, 2 अक्टूबर 2010

जबलपुर संस्कारधानी के प्रसिद्ध चित्रकार एवं कला परिषद भोपाल से सम्मानित स्वर्गीय अलवन ग्रेगरी के चित्रों में लयात्मकता के कारण एक गति दिखाई देती है - अमृत लाल वेगड़

दिनांक 07 सितंबर 10 को जबलपुर संस्कारधानी के प्रसिद्ध चित्रकार, कला परिषद भोपाल से सम्मानित, सबके चहेते, खुशमिज़ाज़ एवं मिलनसार इंसान श्री अलवन ग्रेगरी के आकस्मिक निधन का दुख किसे नहीं होगा ! स्वर्गीय अलवन ग्रेगरी के निधन पर संस्कार धानी के सभी कला प्रेमियों, मित्रों तथा नाते-रिश्तेदारों ने अपने हार्दिक श्रद्धा सुमन  अर्पित किए.  
                    अलवन ग्रेगरी एक महान ख्यातिप्राप्त प्रदेश एवं देश के चित्रकार थे. शासकीय ललित कला संस्थान जबलपुर में उन्होंने पाँच वर्ष तक चित्रकला की शिक्षा ली. इन्हीं दिनों वे ललित कला संस्थान में जबलपुर के कई प्रसिद्ध कला गुरुओं के संपर्क में आए, जिनमें प्रमुख हैं श्री हरि भटनागर, श्री अमृत लाल वेगड़, श्री कामता सागर, श्री विष्णु चौरसिया और अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त चित्रकार  राम मनोहर सिन्हा आदि.

 इन सभी कला गुरुओं का अलवन ग्रेगरी की कलात्मक सोच पर गहरा प्रभाव पड़ा. इन महान कला गुरुओं में से विष्णु चौरसिया एवं राम मनोहर सिन्हा जी अब इस दुनिया में नहीं हैं. महान कलागुरुओं एवं सहपाठियों ने स्वर्गीय अलवन ग्रेगरी को श्रद्धा-सुमन अर्पित कर अपने विचार व्यक्त किए



                 अलवन ग्रेगरी हमारे मेधावी छात्र रहे . वे आजीवन कला साधना में लगे रहे. उनके सुंदर चित्रों की प्रदर्शनी देखकर बेहद खुशी होती थी. उनके चित्रों में लयात्मकता के कारण एक गति दिखाई देती है. उनकी कल्पना और भावप्रवणता भी बरबस हमारा ध्यान आकर्षित करती है. उनके असामयिक निधन से कला-जगत को भारी क्षति हुई है.
                                                                                       - अमृत लाल वेगड़,
                                                                                         प्रदेश के वरिष्ठ चित्रकार.

                      अलवन ग्रेगरी के निधन का दुखद समाचार सुनकर बहुत दुख हुआ. कला जगत का एक चमकता सितारा डूब गया . मैंने उनकी प्रदर्शनियाँ देखी हैं. मैं उनके चित्रों की कलात्मक विशेषताओं से बहुत प्रभावित हुआ हूँ. व्यक्तिगत रूप से भी मैंने अल्वन ग्रेगरी को खूब समझा और जाना है. वास्तव में वे अच्छे चित्रकार ही नहीं एक अच्छे इंसान भी थे।
                                                                                     
-कामता सागर
                                                                                       वरिष्ठ चित्रकार (आर्टिस्ट मेकर)

            अलबन ग्रेगरी मेरे समकालीन चित्रकार रहे हैं. वे निरन्तर कला साधना में लगे रहते थे. उनके चित्रों में लयात्मकता, रूपांकन, एवं अद्भुत रंगयोजना की प्रधानता थी, जिनसे चित्र आकर्षक लगते थे और विशेष संरचना का आभास होता था. जब उन्हें सफलता प्राप्त होने वाली थी, तभी वे संसार से विदा हो गये. उनके असामयिक निधन से कलाजगत को भारी क्षति हुई.
                                                                                   -सुरेश कुमार श्रीवास्तव
                                                                                    राष्ट्रस्तरीय वरिष्ठ चित्रकार

                                 ग्रेगरी के चित्र किसी भी मीडियम में बने हों , वे प्रभावोत्पादक होते थे. कैनवास, कागज या अन्य वस्तुओं पर ब्रश को रंगों में डुबोकर सॉफ्ट स्ट्रोक्स लगाना तथा एक रंग को दूसरे रंग में विलय कर के अलग प्रभाव देना उनकी विशेषता थी. झाड़ियाँ, पत्थर, आकाश, झरने एवं मानवाकृतियाँ सब कुछ उनके लैण्डस्केप में संयोजित रहते जो सभी के ध्यानाकर्षण का केन्द्र हुआ करते थे. यथार्थवादी चित्रण के अलावा वे मार्डन पेण्टिग भी अपनी शैली में किया करते थे. जहाँ तक चित्रकारों की शैली का सवाल है   अलवन ग्रेगरी के चित्रों की शैली मौलिक थी. हर कलाकार अपने ढंग से ब्रश चलाता है. इस प्रकार अलग अलग ब्रश चलाने से कलाकारों की अलग अलग शैली भी बन जाती है. सम्भवतः ग्रेगरी के ब्रश चलाने का अपना अलग तरीका था जो चित्रकारी की एक अलग शैली को जन्म देता प्रतीत होता है और अलबन ग्रेगरी की यही शैली अन्य चित्रकारों के चित्रों को मौलिक रूप से अलग करती है.
चित्रों के चित्रांकन का कितना भी वर्णन किया जाये, अधूरा ही है, क्यों कि चित्र आँखों से देखी जाने वाली चीज है. चित्रकला को न कोई सुन सकता है और न कोई शब्दों जैसा पढ़ सकता है. जब तक हम   अलवन ग्रेगरी के चित्रों को नहीं देखेंगे, तब तक संयोजन, रंग-रूप, रेखाओं की प्रभावोत्पादक भाषा नहीं समझ पायेंगे. इस संदर्भ में स्वर्गीय   अलवन ग्रेगरी के चित्रों की प्रदर्शनी नगर की कलादीर्घा में अतिशीघ्र लगाने हेतु मध्यप्रदेश आर्टिस्ट फोरम जबलपुर द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं. इस तरह अद्भुत कलात्मकता,  मिलनसारिता एवं दृश्यों को अपने नजरिये से देखकर उकेरने की क्षमता ने अलबन ग्रेगरी को बहुमुखी प्रतिभा के रूप में अमरता प्रदान की है.
-श्री सुभाष खरे.
वरिष्ठ चित्रकार, जबलपुर.

                    अल्बन ग्रेगरी मेरे एक अच्छे मित्र थे. जब तक वे मध्य प्रदेश विद्युत मंडल जबलपुर पदस्थ रहे, हमारी उनसे मुलाकात होती रहती थी. मंडल के वार्षिक कलेण्डरों में उनके चित्रों को देख देख कर उन्हें सदैव याद करते रहते थे. उनके घर पर भी हमने उन्हें अपनी चित्रशाला में तूलिका से जादुई करिश्मा करते देखा है. आधुनिकता के युग में उन्हें कंप्यूटर पर भी चित्रों को एडिट करते देखा है. घर हो या दफ़्तर, उनकी मुस्कराहट और मिलनसारिता बिसराना हमारे बस में नहीं है. उन्हें चित्रकार के रूप में सभी जानते हैं लेकिन मैंने उन्हे जिस नेक इंसान के रूप में जाना है वह आज के युग में दुर्लभ है. जबलपुर के गिरजाघरों और विद्यालयों में उनकी पेंटिंग उनके व्यक्तित्व को उजागर करती है. उनके हर चित्र निराले और उद्देश्यप्रधान होने के साथ साथ हमे प्रकृति, प्रगति, स्नेह, शांति और सादगी के पथ पर चलने हेतु प्रेरित करते हैं. मैं चित्रकार तो नहीं हूँ मगर एक कवि और साहित्यकार होने के नाते चिंतन -धारा से ज़रूर जुड़ा हुआ हूँ और उनकी तूलिका के पीछे उनकी मेहनत और लगन का मूल्यांकन अवश्य कर सकता हूँ. इस के साथ ही हम कह सकते हैं कि स्वर्गीय अलवन ग्रेगरी वाकई एक सुलझे और सही मायने में इंसान थे.
                                                                                   -विजय तिवारी " किसलय '
                                                                                    कवि एवं पत्रकार.

आलेख एवं परिकल्पना:- श्री सुभाष खरे. वरिष्ठ चित्रकार, जबलपुर.















 
प्रस्तुति:-
-विजय तिवारी " किसलय '

2 टिप्‍पणियां:

Ramesh Saini ने कहा…

किसलयजी
आपने अलवन के विषय में जानकारी दी जो बहुत महत्‍वपूर्ण है हमारी उनको विनम्र श्रद्धांजलि.
- रमेश सैनी

SHAKTI PRAJAPATI ने कहा…

SIR
MERI BHI ANEKON ANEK BAR GREGORY SIR SE MULAQAT HUI THI KASH KE DO SHABD MUJHE BHI KEHNE KA MAUKA MILTA....................

APKA....................SHISHYA