विगत २२ सितम्बर-१० को जबलपुर के गांधी भवन परिसर में गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष आंचलिक साहित्यकार परिषद जबलपुर द्वारा आयोजित साहित्य सभा में संस्कारधानी जबलपुर के साहित्यकारों ने सद्भावना का संकल्प लिया. सभी ने समवेत स्वर में सामाजिक सद्भाव और भाईचारे हेतु सक्रियता की बात कही. साहित्य सभा में पंडित रूद्र दत्त दुबे "करुण " एवं साथियों ने प्रेम भाईचारे के गीत प्रस्तुत किये. कार्यक्रम में प्रोफ़ेसर राजेन्द्र तिवारी 'ऋषि' , वरिष्ठ कलासाधक श्री कामता सागर, ओंकार श्रीवास्तव, प्रो. जवाहर लाल 'तरुण', डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव, प्रो. राजबहादुर सिंह 'रज्जू भैया', रामेश्वर नीखरा, प्रमोद तिवारी मुनि', रमाकांत गौतम , मणि मुकुल, विजय नेमा अनुज, नीलेश रावल, प्रतुल श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे.
प्रस्तुति:-
विजय तिवारी " किसलय "
2 टिप्पणियां:
बढ़िया समाचार !
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (27/9/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
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