बुधवार, 30 जनवरी 2008

आज सूना हुआ गाँव रे
आगे बढ़ते नहीं पाँव रे ...
पिया दे गए करेजवा में ठेस..
अब मिलेगा कहाँ ठाँव रे ........
"किसलय"

3 टिप्‍पणियां:

mooligai sidhan ने कहा…

namaste Tiwariji! lovely to see you online. I met you nearly 8 years ago or maybe even nine on a train to Delhi from the south. After a discussion, you had given me a copy of your poetry book!Hope all well with you.

Girish Kumar Billore ने कहा…

ठेस मिली........?
घर आँगन आज भी पुकारता है ज़रा गौर से सुनो .
गिरीश बिल्लोरे मुकुल

Girish Kumar Billore ने कहा…

http://www.abhivyakti-hindi.org/samachar/2008/samachar03.htm
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स्व. हीरा लाल गुप्त मधुकर जी की स्मृति में पत्रकार सम्मानित


24 दिसंबर, 2008 "संस्कार धानी'' जबलपुर में स्व. हीरालाल गुप्त मधुकर जी की स्मृति में पत्रकारिता के विकास के विभिन्न सोपानों का ज़िक्र हुआ, पत्रकारिता के मूल्यों, वर्तमान संदर्भों पर टिप्पणी की गई, और उनके समकालीन साथियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य-अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रो. ए. डी. एन. बाजपेयी ने कहा, "गुप्त जी और समकालिक पत्रकारिता के मूल्य बेहद उच्च स्तरीय रहे है। समाज को अब समझदार पत्रकारिता की ज़रूरत है मूल्यवान पत्रकारिता की ज़रूरत है ताकि युग को सही दिशा मिल सके अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डाक्टर आलोक चंसौरिया ने संबंधों के निर्वहन में सिद्ध माने जाने वाले गुप्त जी एवं सव्यसाची माँ प्रमिला देवी बिल्लोरे को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "बदलते समय में पत्रकार राजनीतिज्ञों का गुरु एवं मार्गदर्शक हैं इस बात कि पुष्टि हम राजनीतिज्ञ कर सकते हैं। कलम के सिपाही हमारे सहकार्यों को सराहते हैं, ग़लतियों पर लताड्ते-डपटते भी हैं अपनी कलम से। कलम और उसकी ताक़त को कोई भी नहीं नकार सकता। स्मृति समारोह की ज़रूरत और उसे लगातार वर्ष १९९७ से आयोजन समिति के प्रयास को अद्वितीय निरूपित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार डाक्टर राज कुमार तिवारी सौमित्र ने कहा, "यह समारोह मूल्य के संरक्षकों के प्रति कृतज्ञता का समारोह है।"

गुप्त स्मृति सम्मान से सम्मानित पं. दिनेश पाठक तथा सव्यसाची अलंकरण से अलंकृत विजय तिवारी ने सादगी और सहज जीवन तथा संकल्प को पत्रकारिता का मूल आधार निरूपित किया। मंचासीन अतिथियों में श्री भगवतीधर बाजपेई तथा काशीनाथ बिल्लोरे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा स्व. हीरा लाल गुप्त एवं स्व. माँ सव्यसाची प्रमिला देवी बिल्लोरे के चित्र पर पूजन अर्चन से हुआ। तदुपरांत आलोक वर्मा " मास्टर शक्ति" की संगीत संयोजना में मधुकर जी के गीतों का गायन बाल गायिका श्रद्धा बिल्लोरे, एवं आदित्य सूद द्वारा किया गया। संगीत सहभागिता रमण पिल्लई ने की। अतिथियों का स्वागत इंद्रा पाठक तिवारी, अर्चना मलैया, शशिकला सेन, हरीश बिल्लोरे, सतीश बिल्लोरे, राजीव गुप्ता, अरविंद गुप्ता, डाक्टर विजय तिवारी "किसलय कहानी मंच की ओर से रमाकांत ताम्रकार, बसंत मिश्रा आदि ने किया। गुप्त स्मृति अलंकरण से सम्मानित वयोवृद्ध पत्रकार श्री दिनेश पाठक को शाल श्री फल सम्मान पत्र एवं सम्मान निधि देकर सम्मानित किया गया। जबकि श्री विजय तिवारी को सव्य साची प्रमिला देवी बिल्लोरे स्मृति सम्मान से नवाज़ा गया। इस अवसर पर गुप्ता एवं बिल्लोरे परिवारों के सदस्यों के अलावा नगर के विशिष्ट जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार पं. भगवतीधर बाजपेयी, मोहन शशि, श्री श्याम कटारे, राजू घोलप, कवि साहित्यकार श्री राम ठाकुर "दादा" मोइनुद्दीन अतहर, एडवोकेट प्रमोद पांडे, रमेश सैनी, नार्मदीय ब्राह्मण समाज से श्री काशी नाथ अमलाथे, स्व. संग्राम सेनानी मांगी लाल जी गुहा, गोविंद गुहा, संतोष बिल्लोरे आदि ने पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन राजेश पाठक तथा आभार अभिव्यक्ति गिरीश बिल्लोरे "मुकुल" ने की।