tag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post482694324601782822..comments2024-02-28T14:40:59.185+05:30Comments on हिन्दी साहित्य संगम जबलपुर: दोहा श्रृंखला [दोहा क्र. १४]विजय तिवारी " किसलय "http://www.blogger.com/profile/14892334297524350346noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-18811337382445853952009-01-07T13:17:00.000+05:302009-01-07T13:17:00.000+05:30Good Blog, I think I want to find me, I will tell ...Good Blog, I think I want to find me, I will tell my other friends, on allAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-75529170381565869542008-12-29T19:42:00.000+05:302008-12-29T19:42:00.000+05:30भाई मिश्रा जीसादर नमस्कार आप मेरे ब्लॉग तक पहु...<B>भाई मिश्रा जी<BR/>सादर नमस्कार <BR/>आप मेरे ब्लॉग तक पहुँचते हैं , ये मेरा सौभाग्य है <BR/>आपने कहा-" आपके दोहो ने मनमोह लिया " तो मैं ये कहना चाहूंगा कि<BR/>ये सब आप जैसे साहित्यकारों के साथ का ही असर है<BR/>प्रसंशा के लिए आभार<BR/>आपका <BR/>विजय</B>विजय तिवारी " किसलय "https://www.blogger.com/profile/14892334297524350346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-51648997073963208522008-12-29T19:17:00.000+05:302008-12-29T19:17:00.000+05:30कालिख बनती दीप से,कमल कीच संतान। सज्जन घर दुर्जन म...कालिख बनती दीप से,<BR/>कमल कीच संतान। <BR/>सज्जन घर दुर्जन मिलें,<BR/>खल घर मिलें सुजान ॥<BR/>विजय भाई बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ है . <BR/>सही है कि कालिख की उत्पत्ति दीप से <BR/>और कमल कीचड में होता है. सज्जन और सुजान के घर खल <BR/>और दुर्जन भी मिलते है . भाई आपके दोहो ने मनमोह लिया है .<BR/>बहुत ही सटीक और उम्दा लिखते है . बधाई .महेंद्र मिश्र....https://www.blogger.com/profile/02639240293870813407noreply@blogger.com