tag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post477635543788746630..comments2024-02-28T14:40:59.185+05:30Comments on हिन्दी साहित्य संगम जबलपुर: नारी शक्तिविजय तिवारी " किसलय "http://www.blogger.com/profile/14892334297524350346noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-28489723282862247922009-03-13T22:43:00.000+05:302009-03-13T22:43:00.000+05:30"हेम जीनमस्कारआपकी टिप्पणी मेरे लिए अत्यंत महत्व प..."हेम जी<BR/>नमस्कार<BR/>आपकी टिप्पणी मेरे लिए अत्यंत महत्व पूर्ण होती है.<BR/>आपने टिप्पणी की है :- <BR/>"प्रेम चंद जी की कुछ पंक्तियों को उद्धृत कर रहा हूँ -<BR/>'स्त्री पृथ्वी की भाँति धैर्यवान है,शान्ति सम्पन्न है,सहिष्णु है | पुरुष में नारी के गुण आ जाते हैं तो वह महात्मा बन जाता है | नारी में पुरुष के गुण आ जाते हैं तो वह कुलटा हो जाती है |' ""<BR/>आपने सन्दर्भ देकर बताना चाहा है कि " नारी में पुरुष के गुण आ जाते हैं तो वह कुलटा हो जाती है | " <BR/>मैं या तो आपका आशय नहीं समझ पाया या फिर मुझ में ही कुछ विचारों में अपरिपक्वता हो सकती है.<BR/><BR/>मैं आप से न ही कोई सवाल करूँगा न ही उत्तर दूँगा . <BR/><BR/>बस केवल और केवल निम्न बात कहना चाह रहा हूँ:-<BR/>प्रेम चंद्र और वर्तमान का अंतराल काफ़ी बड़ा और सामाजिक परिवर्तनों से ओतप्रोत है. प्रेमचंद्र युग में अगर मैं होता तो शायद मैं भी उनका ही समर्थक होता लेकिन समय और परिस्थितियों के साथ साथ मान्यताएँ , परंपराएँ, रीति-रिवाज़ और सोच के नज़रिए भी बदलते रहते हैं, अतः वर्तमान समय में नारी यदि पुरुषों के कार्य भली भाँति करने में सक्षम है तो उसे तथाकथित प्रेमचंद्र युगीन कुलटा कहना अप्रासंगिक होगा .<BR/>- विजय"विजय तिवारी " किसलय "https://www.blogger.com/profile/14892334297524350346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-3944696360908257632009-03-13T19:55:00.000+05:302009-03-13T19:55:00.000+05:30बहुत सही लिखा है ....बहुत सही लिखा है ....संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-59591087090754477532009-03-13T16:22:00.000+05:302009-03-13T16:22:00.000+05:30Bahut achcha or prerna dayak aalekh... ek baat keh...Bahut achcha or prerna dayak aalekh... ek baat kehna chahungi nari ki unnatti purush ki barabari karne main ye usse pritiyogita karne main nahi ..varan apni nari sulabh shakti or swabhav ko banaye rakhte hue apne adhikaron ke priti satark hone main or safal hone main hai.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-4897581172382597112009-03-12T21:09:00.000+05:302009-03-12T21:09:00.000+05:30प्रेम चंद जी की कुछ पंक्तियों को उद्धृत कर रहा हूँ...प्रेम चंद जी की कुछ पंक्तियों को उद्धृत कर रहा हूँ -<BR/>'स्त्री पृथ्वी की भाँति धैर्यवान है,शान्ति सम्पन्न है,सहिष्णु है | पुरुष में नारी के गुण आ जाते हैं तो वह महात्मा बन जाता है | नारी में पुरुष के गुण आ जाते हैं तो वह कुलटा हो जाती है |'hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-83521869936105271682009-03-11T22:32:00.000+05:302009-03-11T22:32:00.000+05:30होली पर्व पर आपको और परिवारजनों को हार्दिक शुभकामन...होली पर्व पर आपको और परिवारजनों को हार्दिक शुभकामना .......महेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-66864713501109263692009-03-11T01:01:00.000+05:302009-03-11T01:01:00.000+05:30बैसाखी पकड़कर चलने की आदत कभी स्वावलंबन नहीं बनने ...बैसाखी पकड़कर चलने की आदत कभी स्वावलंबन नहीं बनने दे सकती. कर्मठता का दीप प्रज्ज्वलित करो. <BR/><BR/>Ozpurna aalekh.<BR/><BR/>Holi ki hardik shubkamnayen.sandhyaguptahttps://www.blogger.com/profile/07094357890013539591noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-57390165811688330482009-03-09T19:15:00.000+05:302009-03-09T19:15:00.000+05:30बढ़िया विचारणीय आलेख. नारी शक्ति को नमन करता हूँ ....बढ़िया विचारणीय आलेख. नारी शक्ति को नमन करता हूँ . आभारमहेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.com