tag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post4572551676654788389..comments2024-02-28T14:40:59.185+05:30Comments on हिन्दी साहित्य संगम जबलपुर: दोहा श्रृंखलाविजय तिवारी " किसलय "http://www.blogger.com/profile/14892334297524350346noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-6464700498299310392008-04-13T21:57:00.000+05:302008-04-13T21:57:00.000+05:30इंसान या हैवान ...........डरना है तो आदमी से डरो आ...इंसान या हैवान ...........<BR/><BR/>डरना है तो आदमी से डरो आदमी और इंसान में<BR/>कुछ तो फर्क करो.<BR/>आदमी को देखा है अक्सर शैतान होते<BR/>मगर इंसान कभीहैवान नहीं होता. कभी हैवान नहीं होता.<BR/>---------------------<BR/>जीसमे दम हो उसे कहते है आ दम ई<BR/>आदम और हौवा की कहानी बहुत पुरानी है<BR/>इंसान हैवान क्यों बना यह भी सबकी जबानी है<BR/><BR/>मीत्र, इंसान और आदमी में थोडा ही फर्क होता है<BR/>जैसे सुबह पुजारी, रात को प्यार का भीखारी,<BR/>माँ के सामने बेटा , बेटे के सामने बाप होता है<BR/>वैसे ही आदमी हैवान और इंसान दोनो के रूप धरता है<BR/><BR/>भेड की खाल में भेडिया यानी<BR/>इंसान के लीबास में सैतान आता है<BR/><BR/>विनम्रता, दया, करुणा,प्रेम,शांती,भक्ती<BR/>इंसान की पहीचान है<BR/>हवस, मद, मोह, लोभ, इरषा, क्रोध,<BR/>इंसान को बनाते हैवान है<BR/><BR/>स्वंतुस्टी, परनींदा, प्रलोभ, परनारी, परधन, झूट, मक्कारी, कभी इंसान नहीं बनाते.<BR/>अपने अवगुण, पर्गुण, प्रभु भक्ती, सत्य, त्याग, दान, आदी इंसान को भगवान् से मीलाते<BR/><BR/>तुम खुद ही सोचो तुम कौन हो इंसान या हैवानDr SK Mittalhttps://www.blogger.com/profile/06027865989170642569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-13001285048376349752008-04-13T21:55:00.000+05:302008-04-13T21:55:00.000+05:30माँ ... तेरी ... यादें .. . माँ की प्यारी सूरतमुझक...माँ ... तेरी ... यादें .. . माँ की प्यारी सूरत<BR/><BR/>मुझको याद अब भी अक्सर ऐसा होता था<BR/>वह गर्मी की राते और बत्ती गुल<BR/>एक पंखा बीना रुके उसके हाथो में चलता था<BR/>वो जागे सारी राते मैं उसकी नींदे सोता था .<BR/>.....................................................<BR/>हर माँ की येही है कहानी<BR/>आँचल में दूध और आंखों में पानी<BR/>बहुत खूब तुम्हे आपनी माँ का त्याग आज भी याद है<BR/>गर्मी की राते, गुल बत्ती, बीना रूके उसके हाथ में झलता पंखा, तुम्हारा भाग है<BR/>उसका जागना, तुम्हारा चैन से सोना उसकी नींद नहीं हर माँ की बीती रात है<BR/><BR/>एक स्वेटर पुराना, अभी मुझे बहुत प्यारा<BR/>हजारो धुलाई चुरा ना सकी,उसके हाथो की खुशबु<BR/>वो स्वेटर बुनती ऐसे, ख्वाब बुनती हो जैसे<BR/><BR/><BR/><BR/>जब से तुझे देखा है माँ , मुझे भगवान भी भूल गए<BR/>तुने मुझे जन्म दीया , मेरी बीबी और उसके घरवाले भूल गए<BR/><BR/>आज भी छुपक मैं, बंद करके कमरा, अलमारी खोलता हूँ<BR/>वोह तेरा बुना स्वेटर, समेटे तेरे हाथों की खुशबू, उसे बार बार सुंघ्ता<BR/><BR/>मुझे याद है माँ वोह बड़ा मुश्कील जमाना,<BR/>पीताजी का देर रात को थका हुआ घर आना.<BR/>तुझे सारे दीन का दुखडा सुनाना और तेरा उन्हें ढाढस बंधाना.<BR/><BR/>दीन में पूरे मोहल्ले के स्वेटर बुनना..<BR/>जैसे फूलों का चुनना ,<BR/>ख्वाबों का बुनना<BR/>और उसमे से मेरे इस्ही स्वेटर को चुनना<BR/>यह मेरी जिन्दगी का सबसे प्यरा तोहफा है<BR/>धुल्चुका हजारों बार फीर भी चौखा है .<BR/><BR/>इसे पहीनता हूँ तो तेरी याद आती है<BR/>बंद कमरे से मैं अकेला नहीं तेरी खुशबू भी साथ जाती हैDr SK Mittalhttps://www.blogger.com/profile/06027865989170642569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-56230607572591415692008-04-13T21:53:00.000+05:302008-04-13T21:53:00.000+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Dr SK Mittalhttps://www.blogger.com/profile/06027865989170642569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-5341146120475978602008-04-10T20:11:00.000+05:302008-04-10T20:11:00.000+05:30आदरणीय मित्तल जीनमस्कारवाकई शब्दों की महिमा महान ह...आदरणीय मित्तल जी<BR/>नमस्कार<BR/>वाकई शब्दों की महिमा महान है.<BR/>यह शब्द ही हैं जो कराते दोस्ती <BR/>गलत शब्दों बोलोगे तो टूट सकती है खोपडी <BR/><BR/>बहुत अच्छा लिखा है आपने.<BR/>बहुत ,बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/> किसलयविजय तिवारी " किसलय "https://www.blogger.com/profile/14892334297524350346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-37366494662652435292008-04-10T14:22:00.000+05:302008-04-10T14:22:00.000+05:30शब्दों की महिमा शब्द ना होता महाभारत अगर द्रौपदी च...शब्दों की महिमा <BR/>शब्द <BR/>ना होता महाभारत अगर द्रौपदी चुप रही होती<BR/>सीता ना हरी जाती अगर सुपरंखा बहरी हो गयी होती ।। <BR/><BR/>राम को बनवास नहीं होता अगर दशरथ ने शब्द नहीं दीये होते<BR/>कृष्ण आज गवाले होते अगर देवों के शब्द कंस को नहीं सुने होते ॥<BR/><BR/>शब्दों की महिमा बड़ी अहम् है, <BR/>पार ना पा सका इस से कोई ब्रह्म है <BR/>कल ही हमने देखा, गलत शब्दों पर <BR/>मायावती ने टिकैत की शक्ति का तौडा भरम है <BR/><BR/>मन्त्र शक्ति किसे नहीं मालुम शब्दों का जाल है<BR/>देवों को जो बुला सके यह शब्दों का ही कमाल है <BR/><BR/>यह शब्द ही हैं जो कराते दोस्ती <BR/>गलत शब्दों बोलोगे तो टूट सकती है खोपडी <BR/><BR/>गुरुजनों के शब्दों से स्वर्ग बनता है जीवन<BR/>प्रेमिका के मीठे शब्दों की याद में बीत जाता है सारा जीवन <BR/><BR/>घर पहुँचते ही सुनता है बच्चों की किलकारी को<BR/>या माता के मीठे शब्दों को या पत्नी प्यारी को <BR/><BR/>आज की राजनीति में इसका विशेष महत्त्व है<BR/>पांच साल की गद्दी का गूढ़ रहस्य है <BR/>बोलो, वादा करो वादे पर जीतो <BR/>फीर पांच साल बाद चुप्पी तोड़ो, गुमराह करो या गद्दी छोडो <BR/><BR/>सब शब्दों का जंजाल है. माँ के शब्दों का कमाल है<BR/>प्रेम से बोलो जय माता की, यह तो उस ही का मायाजाल हैDr SK Mittalhttps://www.blogger.com/profile/06027865989170642569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-2625416668333164272008-04-09T20:38:00.000+05:302008-04-09T20:38:00.000+05:30बहुत सुंदर बधाई kripya hindi blaag ko dekhane ka k...बहुत सुंदर बधाई <BR/>kripya hindi blaag ko dekhane ka kasht kare <BR/>http://safalprahri.blogspot.comAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5581964230009177583.post-71890342867499511572008-04-07T23:38:00.000+05:302008-04-07T23:38:00.000+05:30काबू रख निज क्रोध पर , दिल सबके लो जीत ।नम्र भाव स...काबू रख निज क्रोध पर , दिल सबके लो जीत ।<BR/>नम्र भाव से जगत में, रचो प्रेम के गीत.<BR/> आपके विचारों में शांत प्रवाह नज़र आ रहा हैबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.com