सोमवार, 8 अप्रैल 2013

दोहा श्रृंखला (दोहा क्रमांक-९३)

जीवन-घट   दुख   से   भरा,  खुशियाँ   बूँदें   चार। 
"किसलय" जितना बन पड़े, बाँट सभी को प्यार।।











- विजय तिवारी "किसलय" 

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